महिलाओं में गर्भपात (गर्भ गिराने) के बाद हो सकते हैं ये घातक नुकसान।

Garbhpat ke nuksan | abortion ke side effects | गर्भ गिराने के बाद होने वाले नुकसान - आज के समय में आई इन नई नई तकनीकों ने जहां गर्भपात जैसी प्रक्रिया को आसान बना दिया है।
वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के शरीर के लिए इसके कई गुना अधिक नुकसान भी देखे गए हैं।
कोई भी महिला गर्भपात या तो किसी कारणवश करवाती है,
या फिर किन्हीं खामियों की वजह से उसे स्वत ही गर्भपात हो जाता है।

महिलाओं में गर्भपात करवाने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं -
जैसे की अनचाही प्रेग्नेंसी या गर्भ, महिला का प्रेग्नेंसी के लिए पूर्णतः परिपक्व न हो पाना, किसी प्रकार का कोई गर्भाशय इंफेक्शन, आदि।
इस पोस्ट के अंदर हम बात करने वाले हैं गर्भपात या गर्भ गिराने के बाद होने वाले नुकसान, अबॉर्शन साइड इफेक्ट्स, अबॉर्शन के नुकसान, गर्भ गिराने या गर्भपात के साइड इफेक्ट के संदर्भ में।
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महिलाओं में गर्भपात (गर्भ गिराने) के बाद हो सकते हैं ये घातक नुकसान।

गर्भपात के नुकसान | abortion ke nuksan/side effects.

आमतौर पर देखा जाए तो गर्भ गिराने के बाद महिलाओं में त्वरित रूप से स्पॉटिंग, ब्लीडिंग, और स्वेत प्रदर, डायरिया, जैसी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
लेकिन इनके अलावा भी लंबे समय में उन्हें कई तरह के घातक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
आज इन्हीं के संदर्भ में हम यहां चर्चा करेंगे।
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1. ब्रेस्ट कैंसर और यूटराइन कैंसर -

हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन महिलाओं का बार बार अबॉर्शन या गर्भपात हुआ है उनमें ब्रेस्ट कैंसर और यूटराइन कैंसर की समस्या ज्यादा देखी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या लॉन्ग टर्म यानि लंबे समय बाद पनपती है।
महिलाओं द्वारा बार बार गर्भपात करवाना ही इसका सबसे बड़ा कारण है।
अतः गर्भपात कराने से पहले हर महिला को इस संदर्भ में एक बार जरूर विचार विमर्श कर लेना चाहिए।
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2. भविष्य में गर्भ न ठहर पाना (बांझपन) -

अधिक बार गर्भपात की वजह से कई महिलाओं में बांझपन या इंफर्टिलिटी की समस्या भी देखी गई है।
जब आप एक या अधिक बार अपने गर्भ को गिराती हैं तो हो सकता है आपको अगली बार गर्भ ठहरने में ही एक बड़ी दिक्कत खड़ी हो जाए।
यह गर्भ निवारक दवाओं का भी एक बड़ा साइड इफेक्ट हो सकता है।
अगर आपने गर्भपात अधिक बार करवाया है और गर्भ निवारक दवाओं का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया है तो आपको प्रेग्नेंसी धारण करने में बड़ी दिक्कत हो सकती है।
बार बार गर्भपात होने पर हो सकता है आपको गर्भ ठहरने के बाद भी स्वत गर्भपात का सामना करना पड़े।
अतः गर्भ निवारण से पहले आपको इस संदर्भ में अपने चिकित्सक से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
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3. होने वाले गर्भ में अपंगता -

यह भी संभव है कि यदि कोई महिला एक या अधिक बार अपना गर्भ निकलवा देती है
या किसी कारणवश उसका गर्भपात हो जाता है तो हो सकता है उसकी होने वाली अगली संतान अपंग हो।
ऐसा कई केसेस में देखा गया है, जब किसी महिला का बार बार गर्भपात हो जाता है और जब कभी उसे संतानोत्पत्ति होती है तो वह शारीरिक या मानसिक रूप से अपंग बच्चे को जन्म देती है।
महिलाओं में गर्भपात (गर्भ गिराने) के बाद हो सकते हैं ये घातक नुकसान।

4. गंभीर संक्रमण -

यह समस्या कई बार महिलाओं में ठीक प्रकार से साफ सफाई न रख पाने के कारण पैदा हो सकती है।
बार बार गर्भपात होने पर भी महिला को इसका सामना करना पड़ सकता है।
क्योंकि बार बार गर्भ गिर जाने के कारण महिला का गर्भाशय इसके लिए अनुकूल स्थति में आ जाता है।
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5. गर्भाशय में छेद बनना -

गर्भपात के कारण कई बार महिला के गर्भाशय में छेद बन जाता है जिसकी वजह से वह भविष्य में कभी मां नहीं बन पाती।
यह स्थति आंतरिक उद्दीपन और उपकरणों के कारण भी पैदा हो सकती है।

6. अन्य अंगों में क्षति -

जब किसी महिला का गर्भपात होता है या किया जाता है।
तो उसकी वजह से उसके अब्डॉमनल भाग में मौजूद अन्य अंगों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
गर्भ धारण करना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन इसे खत्म करना कभी भी प्राकृतिक नहीं हो सकता है।
प्रेग्नेंसी जब किसी कारणवश असमय खत्म होती है या कर दी जाती तो यह महिला के पूरे शरीर के लिए आपत्तिप्रद होती है।
खासकर जननांगों को इससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

7. जान का खतरा -

गर्भपात एक बेहद ही जटिल प्रक्रिया है, इससे महिला को कई तरह के नुकसान होने के साथ साथ जान का खतरा बना रहता है।
कई बार कुछ महिलाओं का शरीर अधिक गर्मी बर्दास्त नहीं कर पाता, जिसकी वजह से गर्भ को खत्म करने के लिए जो भी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
उसके कारण गर्भ खत्म होने के साथ साथ गर्भाशय की दीवार और आंतरिक संरचना को भारी नुकसान भोगना पड़ता है।
जिससे बहुत अधिक रक्त का स्राव होता है कई बार यह स्थति जानलेवा भी बन जाती है।
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महिलाओं में गर्भपात (गर्भ गिराने) के बाद हो सकते हैं ये घातक नुकसान।

8. अनियमित माहवारी -

गर्भपात का यह सबसे आम दुष्प्रभाव कहा जा सकता है क्योंकि गर्भपात के बाद अधिकतर महिलाओं में माहवारी अनियमित हो जाती है।
जिसमें कम या अधिक पीरियड्स का आना, तेज पेट दर्द, समय से पहले या बाद, मानसिक रूप से अग्रेसिवता आदि भी आम समस्या हो सकती है।

9. स्वत गर्भपात -

अधिक बार गर्भ गिराने के बाद महिला का गर्भाशय पहले की तुलना में बहुत अधिक कमजोर हो जाता है।
जिसकी वजह से पहले तो उसे गर्भ ठहरने में ही परेशानी का सामना करना पड़ता है।
और जब गर्भ भी ठहर जाता है तो उसके बाद भी स्वत गर्भपात का खतरा बना रहता है।

10. लिकोरिया या सफेद पानी की समस्या -

अधिकतर महिलाओं को अपने जीवनकाल में इस समस्या से होकर गुजरना पड़ता है।
सफेद पानी या ल्युकोरिया शरीर में अधिक बढ़े हुए गर्मी के स्तर के कारण आता है।
जब किसी महिला का गर्भपात बार बार होता है तो उसमें यह समस्या अधिक भयंकर रूप से सामने आती है।
सफेद पानी अधिक मात्रा में आने के साथ साथ अधिक बदबूदार भी होता है।
कभी कभी यह कमजोरी और अनेच्छा का भी कारण बन जाता है।
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महिलाओं में गर्भपात (गर्भ गिराने) के बाद हो सकते हैं ये घातक नुकसान।
11. खून की कमी (एनीमिया) -

अबॉर्शन के बाद खून की कमी होना स्वाभाविक ही है इसीलिए अबॉर्शन के बाद महिलाओ को खून की कमी को पूरा करने के लिए आयरन की गोलियां दी जाती हैं।
क्योंकि इस प्रक्रिया में बहुत अधिक रक्त का स्राव हो जाता है, इसी वजह से जोड़ों और हाथ पैरों में दर्द की शिकायत रहती है।
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12. गंभीर कमर, पेट और जोड़ों में दर्द -

गंभीर कमर दर्द, पेडू का निचला हिस्सा और जोड़ों में दर्द कई महिलाओ में असमय गर्भपात के कारण भी हो सकता है।
अबॉर्शन ता गर्भपात के बाद यह समस्या 25 से 30% तक महिलाओं में देखी गई है।
ये समस्याएं कई महिलाओ में इसके बाद से ही शुरू हो जाती है।
जबकि ज्यादातर महिलाओं में ये लंबे समय के बाद शुरू होती हैं।
अक्सर ये समस्याएं गर्भकाल के समय भी देखी गई हैं।
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13. गंभीर बुखार -

गर्भ गिराने या गर्भपात होने कि स्थति में कोई भी महिला गंभीर बुखार का शिकार हो सकती है।
और यह स्वाभाविक भी है ऐसा कई महिलाओं में देखा गया है।
गर्भपात के बाद महिलाओ में बुखार आना उनमें होने वाले हार्मोनल बदलाव और उनकी मानसिकता पर निर्भर करता है।
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