सबसे बेस्ट गर्भ निरोधक गोलियां (टैबलेट), इंजेक्शन और प्राकृतिक अचूक उपाय (Garbh nirodhak goli / tablete, injection or upay) - गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल अक्सर उन दंपत्तियों द्वारा किया जाता है जो अभी तक गर्भावस्था के लिए तैयार नहीं हैं।
गर्भ निरोधकों के रूप में आज मार्केट में बहुत सारी चीज़ें उपलब्ध हैं।
जैसे कि गर्भ निरोधक गोलियां, गर्भ निरोधक इंजेक्शन, गर्भ निरोधक युक्तियां आदि।
इनका उपयोग महिलाओं व पुरुषों द्वारा अपातकालीन स्थति में किया जाता है।
वैसे आप अपातकालीन स्थति में योग्य चिकित्सक की सलाह से इनका इस्तेमाल कर सकते हो, लेकिन साथ ही साथ आपको इनके दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ते हैं।
अतः जब तक जरूरी न हो इनका इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर होगा।
शरीर के लिए हानिकारक दवाओं का इस्तेमाल करने की बजाय अपने आप पर संयम रखें या प्राकृतिक चीजों का प्रयोग करें।
यहां हम बात करने वाले हैं गर्भ निरोधकों के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली गोलियों, इंजेक्शन और कुछ बेहतर और अचूक प्राकृतिक उपायों की।
जहां तक संभव हो अपने आप को प्रकृति के साथ ही रखने की कोशिश करें इसके विपरित अपने आप को खतरे में डालने जैसा है।
(और पढ़ें : गर्भ गिराने का बेस्ट तरीका)
अतः उन दवाओं का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।
बल्कि प्राकृतिक गर्भ निरोधकों का प्रयोग करें जो सभी प्रकार से सुरक्षित हैं और आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं।
जो असुरक्षित संबंध बनाने के तुरंत बाद फीमेल पार्टनर द्वारा सेवन की जाती हैं।
असुरक्षित संबंध के बाद गर्भावस्था को रोकने के लिए इनका उपयोग बेहतर माना जाता है।
आमतौर पर इनका उपयोग संबंध बनाने के 24 घंटे अंदर करना ही प्रभावी होता है।
गर्भ निरोधक गोलियां महिला में निषेचन की प्रक्रिया को बाधित कर देती हैं।
जिसके कारण गर्भ नहीं ठहर पाता और महिला गर्भवती होने से बच जाती है।
खासकर गर्भ निरोधक दवाएं 25 की उम्र के बाद वाली महिलाओं के लिए उपयुक्त हैं।
क्योंकि अगर कम उम्र की महिला या लड़की अगर इनका इस्तेमाल करती है तो उसमें प्रजनन क्षमता खत्म होने के साथ साथ वह पूरी तरह विकसित नहीं हो पाती।
इन टैबलेट्स या गोलियों के कई सारे साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं जिनमें मुख्यत: हार्मोन्स में असंतुलन, अनियमित पीरियड्स का होना, सिर दर्द होना, मितली व उल्टियां आना, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटेक, वजन बढ़ना या घटना, कामेच्छा खत्म हो जाना, इनफर्टिलिटी का शिकार होना, पेट में गंभीर दर्द की शिकायत, गुप्त रोगों से पीड़ित होना जैसी कई समस्याएं महिलाओं को घेर सकती हैं।
(और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण)
2007 में इसे शिप्ला द्वारा बाजार में लाया गया था।
आई पिल का उपयोग आप असुरक्षित संबंध के 72 घंटे के बाद तक कर सकते हो।
लेकिन यदि 24 घंटे के भीतर इसका उपयोग किया जाए तो यह अधिक प्रभावी होती है।
यह लोकप्रिय और प्रभावी होने के साथ साथ आपको हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
जिसकी कीमत भारत में 50 से 100 रुपए के बीच रखी गई है।
इसे भी आपको असुरक्षित संबंध बनाने के बाद 72 घंटे अंदर लेना होता है।
इसमें एस्ट्रोजन हार्मोन का उपयोग नहीं किया जाता है इसी कारण इसके साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम हैं।
यह mankind द्वारा बनाई गई है जो आपको हर जगह आसानी से मिल जाती है।
इसकी एक स्ट्रिप में आपको दो गोलियां मिलती हैं जिसमें से एक आपको असुरक्षित संबंध के तुरंत बाद लेनी होती है और दूसरी इसके 12 घंटे बाद।
प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए दोनो गोलियां खाना अनिवार्य होता है।
यह लाइफ केयर लिमिटेड द्वारा तैयार की गई दवा है जो 90% तक परिणाम दे देती है अगर सही तरीके इसका उपयोग किया जाए।
(और पढ़ें : श्वेत प्रदर या लिकोरिया का अचूक इलाज)
यह सबसे सस्ती और हर जगह आसानी से मिल जाने वाली टैबलेट है।
इसकी एक स्ट्रिप में 28 टैबलेट्स मिलती हैं जिनका नियमित रूप से इस्तेमाल करना होता है।
गर्भ निरोधक की भूमिका निभाने के साथ साथ यह महिलाओं में पीरियड्स के समय होने वाले दर्द और हार्मोन असंतुलन को भी सुधारती है।
अगर आपको कभी हृदय से संबंधित या हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोई समस्या हुई हो तो इसका इस्तेमाल न करें।
यह भी preventol के समान ही होती है और इसका उपयोग भी इसी के समान किया जाता है।
चिकित्सकों का मानना है कि गर्भ निरोधक दवाओं में सबसे कम साइड इफेक्ट्स इसी टैबलेट के देखे गए है।
इंजेक्शन से आप नियमित रूप से खाई जाने वाली गोलियों से छुटकारा पा सकते हो।
प्रेग्नेंसी रोधक इंजेक्शन की एक डोज आपको एक निश्चित समय तक गर्भवती होने से बचाती है।
उसी निश्चित समय के बाद गर्भ निरोधन के लिए फिर इसे लगवाया जाता है।
(और पढ़ें : एचआईवी एड्स के लक्षण और इलाज)
एक बार इसका इस्तेमाल आपको तीन महीने तक के लिए गर्भवती होने से मुक्त कर देता है।
कई महिलाओं में इसके साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं जिनमें मुख्य रूप से माहवारी का अनियमित हो जाना है।
साथ ही गर्भ निरोधक इंजेक्शन और गोलियों की तुलना में इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत ही कम है।
जिसे मेल पार्टनर के द्वारा संबंध बनाने के दौहरान गुप्तांग पर पहना जाता है।
आज मार्केट में मेल और फीमेल दोनों तरह के कॉन्डम उपलब्ध हैं।
इनका उपयोग करके न केवल आप अनचाहे गर्भ से बचाव कर सकते हो बल्कि हो सकने वाली संक्रामक बीमारियों से भी दूर रह सकते है।
कॉन्डम आज गर्भ निरोधन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे प्रचलित और आसान साधन है।
जिसे एक योग्य चिकित्सक के द्वारा महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।
कॉपर टी पुरुष के शुक्राणुओं की गति कम करने के साथ साथ उन्हें निष्क्रिय कर देती है जिसकी वजह से निषेचन नहीं हो पाता और महिला का गर्भ नहीं ठहरता है।
गर्भ निरोधक के रूप में कॉपर टी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन महिलाओं में इसके कुछ एक इफेक्ट्स भी देखे गए हैं
जैसे - पेट दर्द और ऐंठन होना, पीरियड्स की अनियमितता, रक्तस्राव आदि।
(और पढ़ें : गठिया का बेस्ट इलाज)
जिसे संबंध बनाने से पहले फीमेल पार्टनर के गुप्तांग में गहराई में स्थापित किया जाता है।
यह पूरी तरह गर्भाशय को कवर करने के साथ साथ शुक्राणुओं को भी निष्क्रिय करने का काम करता है।
गर्भ निरोधक के रूप में कोई भी कपल इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।
जिसकी मदद से गर्भ के बाहरी हिस्से को कवर किया जाता है।
जो शुक्राणु के गर्भाशय में प्रवेश को वर्जित करता है।
साथ ही अगर शुक्रानुनाशक का इस्तेमाल किया जाएं तो गर्भ निरोधक के रूप में यह प्रभावी रूप से काम करता है।
जिसे गर्भ की ग्रीवा को बंद करने के काम में लिया जाता है।
सर्वाइकल कैप भी अंडाणु व शुक्राणु के मिलन को निषेध करती है।
जिससे निषेचन की अनुपस्थिति में महिला गर्भवती होने से बची रहती है।
(और पढ़ें : गोरा होने का सबसे बेस्ट तरीका)
क्योंकि बिना किसी साइड इफेक्ट्स के ये अपना काम बखूबी करते हैं।
साथ ही आज तक ऐसी कोई भी दवा या मेडिसिन नहीं बनी है जो आपको पूरी तरह आश्वस्त कर सके कि वह सत प्रतिशत काम करेगी।
इसके आलावा इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत अधिक नुकसानदेह होते हैं।
साथ ही यौन मैथुन के अलावा मुख मैथुन, हस्तमैथुन व गुदा मैथुन का भी सहारा ले सकते हो।
इन सब के अलावा पीरियड्स के हिसाब से सुरक्षित अवधि का पालन करें।
जिसमें आपको यह ध्यान रखना होता है अंडोत्सर्ग के समय संबंध न बनाया जाए।
क्योंकि जब अंडोसर्ग होता है तो उस स्थति में अंडे शुक्राणु के साथ निषेचन कर लेते है और गर्भ ठहर जाता है।
अंडोत्सर्ग हर महिला में माहवारी के चौदवे दिन होता है।
यानी अगर आपको आज माहवारी आरंभ हुई है तो इसके चौदवे दिन आपमें अंडोत्सर्ग होगा।
बस इसी बात का ध्यान रखें अंडोत्सर्ग के पहले के पांच दिन और बाद के पांच दिन संबंध न बनाए।
क्योंकि गर्भ ठहरने के लिए यह सबसे अनुकूल समय माना जाता है।
इसके अलावा आप कभी भी संबंध बना सकते हो।
सरल रूप से बात करें तो माहवारी शुरू होने से लेकर पहले दस दिन संबंध बनाना बिल्कुल सेफ है।
उसके बाद दस दिन गर्भ के लिए अनुकूल हैं जिनमें सम्बन्ध बनाना वर्जित है।
फिर इसके बाद अगले दस दिन आपके लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं।
रिसर्चर्स का मानना है कि यह बिना साइड इफेक्ट वाला एक प्रभावी गर्भ निरोधक है।
गर्भावस्था से बचने के लिए आजकल इसके इंजेक्शन भी तैयार किए जा रहे हैं।
नीम के तेल का आप 5 ml की मात्रा में नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते हो।
यह बेहद प्रभावशाली और 99% तक कारगर उपाय है।
(और पढ़ें : सफेद दाग का सबसे बेस्ट इलाज)
यह भी एक बिना साइड इफेक्ट वाला प्रभावी प्राकृतिक गर्भ निरोधक है।
एक बात का जरूर ध्यान रखें कि इस काढ़े की प्रकृति गरम मिजाज की होती है।
जो गर्भ ठहरने से पहले ही उसे नष्ट कर देती है, अगर आपके शरीर में गर्मी की शिकायत है तो इससे उल्टियां, पेट दर्द, लिकोरिया और हॉट प्लश जैसी कंडीशन का सामना करना पड़ सकता है।
अतः ऐसी महिलाएं जिनके शरीर में पहले से ही गर्मी अधिक है इसका सेवन न करें।
इसे उपयोग में लेने के लिए 5 से 7 तुलसी की पत्तियों का काढ़ा तैयार करें और नियमित रूप से खासकर माहवारी के 7 दिन बाद तक जरूर इस्तेमाल करें।
इससे गर्भ ठहरने के आसार बहुत ही कम हो जाते हैं।
यह भी आपके शरीर में गर्मी पैदा कर, आ सकने वाली अनचाही गर्भावस्था को खत्म कर देती है।
हल्दी को पीरियड्स के बाद लगातार सात दिन तक दूध के साथ जरूर इस्तेमाल करें।
यह 90% तक गर्भ ठहरने की संभावना कम कर देती है।
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रोजाना अपने नाश्ते या सलाद में कच्चे पपीते का सेवन जरूर करें।
यह भी एक बहुत ही प्रभावी गर्भ निरोधक है।
कच्चे पपीते के सेवन से आप अनचाही प्रेग्नेंसी को भी खत्म कर सकते हो।
इसके लिए आपको नियमित रूप एक किलोग्राम कच्चे पपीते का सेवन करना होता है।
इससे आपको आगे गर्भ ठहरने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।
काले तिल के काढ़े का सेवन आप गर्भपात के लिए भी कर सकते हो।
इसकी मदद से दो महीने तक की प्रेग्नेंसी आसानी से खत्म हो जाती है।
इसके लिए दिन में दो से तीन बार काले तिल का काढ़ा बनाकर पिएं।
नियमित एक से दो लौंग का सेवन करके आप इसे गर्भ निरोधक के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हो।
साथ ही जिन महिलाओं को गर्मी की शिकायत है उनमें यह संबंधित कई दुष्प्रभाव दे सकती है।
इससे बचने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं।
(और पढ़ें : शुगर का अचूक इलाज)
यह भी एक बहुत ही बेहतर कुदरती गर्भ निरोधक है।
इसके लिए पीरियड्स के बाद सात दिन तक नियमित सीताफल घिस कर इसका पेस्ट बनाएं और महिला इसे अपने गुप्तांग में लगाएं।
इसकी मदद से आप 99% तक अनचाहे गर्भ की समस्या समाप्त कर सकते हो।
इसका इस्तेमाल करने के लिए इंद्रायण को कूट कर पानी के साथ गर्म करें।
इस पानी से महिला पार्टनर नियमित रूप से अपने गुप्तांग को अच्छे से साफ करें।
साथ ही इसका पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
गर्भ निरोधक के रूप में अपामार्ग का इस्तेमाल करने के लिए इसकी जड़ का इस्तेमाल किया जाता है।
असुरक्षित संबंध बनाने के बाद से नियमित रूप से अपामार्ग की जड़ के छोटे टुकड़े को दागे से बांध कर महिला अपने गुप्तांग में रखें।
इससे गर्भवती होने का खतरा बहुत अधिक कम हो जाता है।
क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर की कार्य प्रणाली अलग अलग होती है।
हो सकता है कोई दवा या औषधि आपके लिए पूरी तरह उपयुक्त हो और वह दूसरे के लिए बिल्कुल भी काम न करें।
इसके लिए उन्ही चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमें नुकसान भी न दें और वह अपना प्रभाव भी दिखाएं।
यहां हमने आपको कुछ प्राकृतिक औषधियां बताई हैं जो बेहद प्रभावी हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक महिला को इसका सत प्रतिशत परिणाम मिलें।
गर्भ निरोधकों के रूप में आज मार्केट में बहुत सारी चीज़ें उपलब्ध हैं।
जैसे कि गर्भ निरोधक गोलियां, गर्भ निरोधक इंजेक्शन, गर्भ निरोधक युक्तियां आदि।
इनका उपयोग महिलाओं व पुरुषों द्वारा अपातकालीन स्थति में किया जाता है।
वैसे आप अपातकालीन स्थति में योग्य चिकित्सक की सलाह से इनका इस्तेमाल कर सकते हो, लेकिन साथ ही साथ आपको इनके दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ते हैं।
अतः जब तक जरूरी न हो इनका इस्तेमाल न ही करें तो बेहतर होगा।
शरीर के लिए हानिकारक दवाओं का इस्तेमाल करने की बजाय अपने आप पर संयम रखें या प्राकृतिक चीजों का प्रयोग करें।
जहां तक संभव हो अपने आप को प्रकृति के साथ ही रखने की कोशिश करें इसके विपरित अपने आप को खतरे में डालने जैसा है।
(और पढ़ें : गर्भ गिराने का बेस्ट तरीका)
नोट : गर्भ निरोधन के लिए यहां बताई गई गोलियां (टैबलेट) और इंजेक्शन केवल आपकी जानकारी मात्र के लिए है।हमारा उद्देश्य आपको गर्भ निरोधक दवाओं की जानकारी देने के साथ साथ उन प्राकृतिक चीजों से अवगत कराना भी है, जो आपको बिना किसी नुकसान के इस तरह की समस्या से छुटकारा दिलाएंगे।
किसी भी प्रकार की दवा का इस्तेमाल करने से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
अतः उन दवाओं का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।
बल्कि प्राकृतिक गर्भ निरोधकों का प्रयोग करें जो सभी प्रकार से सुरक्षित हैं और आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं।
बेस्ट गर्भ निरोधक गोलियां (टैबलेट), इंजेक्शन और अचूक उपाय (best garbh nirodhak goli, injection or upay)
गर्भ निरोधक गोलियां/टैबलेट -
इन्हे आपातकालीन गर्भ निरोधकों के नाम से भी जाना जाता है।जो असुरक्षित संबंध बनाने के तुरंत बाद फीमेल पार्टनर द्वारा सेवन की जाती हैं।
असुरक्षित संबंध के बाद गर्भावस्था को रोकने के लिए इनका उपयोग बेहतर माना जाता है।
आमतौर पर इनका उपयोग संबंध बनाने के 24 घंटे अंदर करना ही प्रभावी होता है।
गर्भ निरोधक गोलियां महिला में निषेचन की प्रक्रिया को बाधित कर देती हैं।
जिसके कारण गर्भ नहीं ठहर पाता और महिला गर्भवती होने से बच जाती है।
खासकर गर्भ निरोधक दवाएं 25 की उम्र के बाद वाली महिलाओं के लिए उपयुक्त हैं।
क्योंकि अगर कम उम्र की महिला या लड़की अगर इनका इस्तेमाल करती है तो उसमें प्रजनन क्षमता खत्म होने के साथ साथ वह पूरी तरह विकसित नहीं हो पाती।
इन टैबलेट्स या गोलियों के कई सारे साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं जिनमें मुख्यत: हार्मोन्स में असंतुलन, अनियमित पीरियड्स का होना, सिर दर्द होना, मितली व उल्टियां आना, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटेक, वजन बढ़ना या घटना, कामेच्छा खत्म हो जाना, इनफर्टिलिटी का शिकार होना, पेट में गंभीर दर्द की शिकायत, गुप्त रोगों से पीड़ित होना जैसी कई समस्याएं महिलाओं को घेर सकती हैं।
(और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण)
Garbh nirodhak. |
1. आई पिल (I pill garbh nirodhak goli) -
वर्तमान समय में गर्भ निरोधक के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली यह सबसे लोकप्रिय और प्रभावी पिल मानी जाती है।2007 में इसे शिप्ला द्वारा बाजार में लाया गया था।
आई पिल का उपयोग आप असुरक्षित संबंध के 72 घंटे के बाद तक कर सकते हो।
लेकिन यदि 24 घंटे के भीतर इसका उपयोग किया जाए तो यह अधिक प्रभावी होती है।
यह लोकप्रिय और प्रभावी होने के साथ साथ आपको हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
जिसकी कीमत भारत में 50 से 100 रुपए के बीच रखी गई है।
2. 72 अनवांटेड (72 unwanted garbh nirodhak goli) -
72 अनवांटेड भी गर्भ निरोधन के लिए लोकप्रिय और प्रभावी टैबलेट मानी जाती है।इसे भी आपको असुरक्षित संबंध बनाने के बाद 72 घंटे अंदर लेना होता है।
इसमें एस्ट्रोजन हार्मोन का उपयोग नहीं किया जाता है इसी कारण इसके साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम हैं।
यह mankind द्वारा बनाई गई है जो आपको हर जगह आसानी से मिल जाती है।
3. प्रेवेंटोल (preventol garbh nirodhak goli) -
गर्भ निरोधक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए preventol भी एक अच्छी टैबलेट मानी जाती है।इसकी एक स्ट्रिप में आपको दो गोलियां मिलती हैं जिसमें से एक आपको असुरक्षित संबंध के तुरंत बाद लेनी होती है और दूसरी इसके 12 घंटे बाद।
प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए दोनो गोलियां खाना अनिवार्य होता है।
यह लाइफ केयर लिमिटेड द्वारा तैयार की गई दवा है जो 90% तक परिणाम दे देती है अगर सही तरीके इसका उपयोग किया जाए।
(और पढ़ें : श्वेत प्रदर या लिकोरिया का अचूक इलाज)
4. सहेली (Saheli garbh nirodhak goli) -
सहेली भारत में सबसे लोकप्रिय गर्भ निरोधक गोली मानी जाती है।यह सबसे सस्ती और हर जगह आसानी से मिल जाने वाली टैबलेट है।
इसकी एक स्ट्रिप में 28 टैबलेट्स मिलती हैं जिनका नियमित रूप से इस्तेमाल करना होता है।
गर्भ निरोधक की भूमिका निभाने के साथ साथ यह महिलाओं में पीरियड्स के समय होने वाले दर्द और हार्मोन असंतुलन को भी सुधारती है।
अगर आपको कभी हृदय से संबंधित या हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोई समस्या हुई हो तो इसका इस्तेमाल न करें।
5. ट्रस्टोंन 2 (Truston 2 garbh nirodhak goli) -
ट्रस्टोंन 2 भी गर्भ निरोधन के लिए अच्छी टैबलेट मानी जाती है।यह भी preventol के समान ही होती है और इसका उपयोग भी इसी के समान किया जाता है।
चिकित्सकों का मानना है कि गर्भ निरोधक दवाओं में सबसे कम साइड इफेक्ट्स इसी टैबलेट के देखे गए है।
नोट : यहां बताई गई टैबलेट केवल आपको इस संदर्भ में जानकारी मुहैया कराने के लिए हैं किसी भी मेडिसिन का सेवन करने से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
गर्भ निरोधक इंजेक्शन (garbh nirodhak injection) -
गर्भ निरोधक के रूप में टैबलेट्स के स्थान पर injections का भी इस्तेमाल किया जाता है।इंजेक्शन से आप नियमित रूप से खाई जाने वाली गोलियों से छुटकारा पा सकते हो।
प्रेग्नेंसी रोधक इंजेक्शन की एक डोज आपको एक निश्चित समय तक गर्भवती होने से बचाती है।
उसी निश्चित समय के बाद गर्भ निरोधन के लिए फिर इसे लगवाया जाता है।
(और पढ़ें : एचआईवी एड्स के लक्षण और इलाज)
Garbh nirodhak. |
1. डिपो प्रोवेरा (dipo provera garbh nirodhak injection) -
डिपो प्रोवेरा जिसे डिंपा के नाम से भी जाना जाता है।एक बार इसका इस्तेमाल आपको तीन महीने तक के लिए गर्भवती होने से मुक्त कर देता है।
कई महिलाओं में इसके साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं जिनमें मुख्य रूप से माहवारी का अनियमित हो जाना है।
गर्भ निरोधक युक्तियां (garbh nirodhak devices) -
गर्भ निरोधन के लिए गर्भ निरोधक युक्तियों का इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय माना जाता है।साथ ही गर्भ निरोधक इंजेक्शन और गोलियों की तुलना में इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत ही कम है।
1. कॉन्डम (condom) -
कॉन्डम एक पतला झिल्लिनुमा आवरण वाला लंबा गुब्बारा होता है।जिसे मेल पार्टनर के द्वारा संबंध बनाने के दौहरान गुप्तांग पर पहना जाता है।
आज मार्केट में मेल और फीमेल दोनों तरह के कॉन्डम उपलब्ध हैं।
इनका उपयोग करके न केवल आप अनचाहे गर्भ से बचाव कर सकते हो बल्कि हो सकने वाली संक्रामक बीमारियों से भी दूर रह सकते है।
कॉन्डम आज गर्भ निरोधन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे प्रचलित और आसान साधन है।
Garbh nirodhak. |
2. कॉपर टी (copper T garbh nirodhk device) -
कॉपर टी एक T आकृति वाली कॉपर वायर की छोटी रोड होती है।जिसे एक योग्य चिकित्सक के द्वारा महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।
कॉपर टी पुरुष के शुक्राणुओं की गति कम करने के साथ साथ उन्हें निष्क्रिय कर देती है जिसकी वजह से निषेचन नहीं हो पाता और महिला का गर्भ नहीं ठहरता है।
गर्भ निरोधक के रूप में कॉपर टी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन महिलाओं में इसके कुछ एक इफेक्ट्स भी देखे गए हैं
जैसे - पेट दर्द और ऐंठन होना, पीरियड्स की अनियमितता, रक्तस्राव आदि।
(और पढ़ें : गठिया का बेस्ट इलाज)
3. स्पंज (sponge garbh nirodhk device) -
स्पंज मुलायम, चिकना और गोल आकृति वाला होता है।जिसे संबंध बनाने से पहले फीमेल पार्टनर के गुप्तांग में गहराई में स्थापित किया जाता है।
यह पूरी तरह गर्भाशय को कवर करने के साथ साथ शुक्राणुओं को भी निष्क्रिय करने का काम करता है।
गर्भ निरोधक के रूप में कोई भी कपल इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।
4. डायफ्राम (The diaphragm garbh nirodhk device) -
डायफ्राम एक सिलिकॉन की बनी गुम्मजनुमा संरचना होती है।जिसकी मदद से गर्भ के बाहरी हिस्से को कवर किया जाता है।
जो शुक्राणु के गर्भाशय में प्रवेश को वर्जित करता है।
साथ ही अगर शुक्रानुनाशक का इस्तेमाल किया जाएं तो गर्भ निरोधक के रूप में यह प्रभावी रूप से काम करता है।
5. सर्वाइकल कैप (cervical cap garbh nirodhk device) -
सर्वाइकल कैप एक टोपी के आकार की सिलिकॉन की बनी संरचना होती है।जिसे गर्भ की ग्रीवा को बंद करने के काम में लिया जाता है।
सर्वाइकल कैप भी अंडाणु व शुक्राणु के मिलन को निषेध करती है।
जिससे निषेचन की अनुपस्थिति में महिला गर्भवती होने से बची रहती है।
(और पढ़ें : गोरा होने का सबसे बेस्ट तरीका)
बेस्ट प्राकृतिक और घरेलू गर्भ निरोधक उपाय (garbh nirodhak upay) -
जहां तक संभव हो गर्भ निरोधन के लिए प्राकृतिक नियम व चीजों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।क्योंकि बिना किसी साइड इफेक्ट्स के ये अपना काम बखूबी करते हैं।
साथ ही आज तक ऐसी कोई भी दवा या मेडिसिन नहीं बनी है जो आपको पूरी तरह आश्वस्त कर सके कि वह सत प्रतिशत काम करेगी।
इसके आलावा इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत अधिक नुकसानदेह होते हैं।
Garbh nirodhak. |
1. गर्भ निरोधन के लिए अपनाए प्राकृतिक नियम -
इसमें आप अपने आप पर संयम रखकर या बाह्य स्खलन से गर्भ निरोधन कर सकते हो।साथ ही यौन मैथुन के अलावा मुख मैथुन, हस्तमैथुन व गुदा मैथुन का भी सहारा ले सकते हो।
इन सब के अलावा पीरियड्स के हिसाब से सुरक्षित अवधि का पालन करें।
जिसमें आपको यह ध्यान रखना होता है अंडोत्सर्ग के समय संबंध न बनाया जाए।
क्योंकि जब अंडोसर्ग होता है तो उस स्थति में अंडे शुक्राणु के साथ निषेचन कर लेते है और गर्भ ठहर जाता है।
अंडोत्सर्ग हर महिला में माहवारी के चौदवे दिन होता है।
यानी अगर आपको आज माहवारी आरंभ हुई है तो इसके चौदवे दिन आपमें अंडोत्सर्ग होगा।
बस इसी बात का ध्यान रखें अंडोत्सर्ग के पहले के पांच दिन और बाद के पांच दिन संबंध न बनाए।
क्योंकि गर्भ ठहरने के लिए यह सबसे अनुकूल समय माना जाता है।
इसके अलावा आप कभी भी संबंध बना सकते हो।
सरल रूप से बात करें तो माहवारी शुरू होने से लेकर पहले दस दिन संबंध बनाना बिल्कुल सेफ है।
उसके बाद दस दिन गर्भ के लिए अनुकूल हैं जिनमें सम्बन्ध बनाना वर्जित है।
फिर इसके बाद अगले दस दिन आपके लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं।
2. नीम का तेल से गर्भ निरोधक उपाय -
गर्भ निरोधक के रूप में नीम का तेल भी बेहद कारगर रूप से काम करता है।रिसर्चर्स का मानना है कि यह बिना साइड इफेक्ट वाला एक प्रभावी गर्भ निरोधक है।
गर्भावस्था से बचने के लिए आजकल इसके इंजेक्शन भी तैयार किए जा रहे हैं।
नीम के तेल का आप 5 ml की मात्रा में नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते हो।
यह बेहद प्रभावशाली और 99% तक कारगर उपाय है।
(और पढ़ें : सफेद दाग का सबसे बेस्ट इलाज)
3. तुलसी से गर्भ निरोधक उपाय -
तुलसी के पत्तों का काढ़ा भी एक बेहतर गर्भ निरोधक है।यह भी एक बिना साइड इफेक्ट वाला प्रभावी प्राकृतिक गर्भ निरोधक है।
एक बात का जरूर ध्यान रखें कि इस काढ़े की प्रकृति गरम मिजाज की होती है।
जो गर्भ ठहरने से पहले ही उसे नष्ट कर देती है, अगर आपके शरीर में गर्मी की शिकायत है तो इससे उल्टियां, पेट दर्द, लिकोरिया और हॉट प्लश जैसी कंडीशन का सामना करना पड़ सकता है।
अतः ऐसी महिलाएं जिनके शरीर में पहले से ही गर्मी अधिक है इसका सेवन न करें।
इसे उपयोग में लेने के लिए 5 से 7 तुलसी की पत्तियों का काढ़ा तैयार करें और नियमित रूप से खासकर माहवारी के 7 दिन बाद तक जरूर इस्तेमाल करें।
इससे गर्भ ठहरने के आसार बहुत ही कम हो जाते हैं।
4. हल्दी से गर्भ निरोधक उपाय -
हल्दी को भी आप एक प्रभावी गर्भ निरोधक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हो।यह भी आपके शरीर में गर्मी पैदा कर, आ सकने वाली अनचाही गर्भावस्था को खत्म कर देती है।
हल्दी को पीरियड्स के बाद लगातार सात दिन तक दूध के साथ जरूर इस्तेमाल करें।
यह 90% तक गर्भ ठहरने की संभावना कम कर देती है।
(और पढ़ें : कमर दर्द का पुख्ता इलाज)
5. कच्चा पपीता गर्भ निरोधक उपाय -
अगर आप नियमित रूप से कच्चे पपीते का सेवन करते हो तो संभव है निश्चित रूप से आपमें गर्भ नहीं ठहरता है।रोजाना अपने नाश्ते या सलाद में कच्चे पपीते का सेवन जरूर करें।
यह भी एक बहुत ही प्रभावी गर्भ निरोधक है।
कच्चे पपीते के सेवन से आप अनचाही प्रेग्नेंसी को भी खत्म कर सकते हो।
इसके लिए आपको नियमित रूप एक किलोग्राम कच्चे पपीते का सेवन करना होता है।
Garbh nirodhak. |
6. तिल से गर्भ निरोधक उपाय -
माहवारी के बाद छह से सात दिन तक नियमित काले तिल का काढ़ा बनाकर पिएं।इससे आपको आगे गर्भ ठहरने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।
काले तिल के काढ़े का सेवन आप गर्भपात के लिए भी कर सकते हो।
इसकी मदद से दो महीने तक की प्रेग्नेंसी आसानी से खत्म हो जाती है।
इसके लिए दिन में दो से तीन बार काले तिल का काढ़ा बनाकर पिएं।
7. लौंग से गर्भ निरोधक उपाय -
लौंग का स्वभाव बहुत अधिक गर्म होता है जिसकी वजह से यह अनचाहे गर्भ को आसानी से खत्म कर देती है।नियमित एक से दो लौंग का सेवन करके आप इसे गर्भ निरोधक के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हो।
साथ ही जिन महिलाओं को गर्मी की शिकायत है उनमें यह संबंधित कई दुष्प्रभाव दे सकती है।
इससे बचने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं।
(और पढ़ें : शुगर का अचूक इलाज)
8. सीताफल से गर्भ निरोधक उपाय -
सीताफल का उपयोग कर आप आसानी से बिना किसी साइड इफेक्ट के अनचाही गर्भावस्था को टाल सकते हो।यह भी एक बहुत ही बेहतर कुदरती गर्भ निरोधक है।
इसके लिए पीरियड्स के बाद सात दिन तक नियमित सीताफल घिस कर इसका पेस्ट बनाएं और महिला इसे अपने गुप्तांग में लगाएं।
इसकी मदद से आप 99% तक अनचाहे गर्भ की समस्या समाप्त कर सकते हो।
9. इंद्रायण से गर्भ निरोधक उपाय -
इंद्रायण की अनचाही गर्भावस्था से बचने का एक बेहतर विकल्प होता है।इसका इस्तेमाल करने के लिए इंद्रायण को कूट कर पानी के साथ गर्म करें।
इस पानी से महिला पार्टनर नियमित रूप से अपने गुप्तांग को अच्छे से साफ करें।
साथ ही इसका पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
10. अपामार्ग से गर्भ निरोधक उपाय -
अपामार्ग भी गर्भ निरोधन का एक बहुत अच्छा व सरल उपाय माना जाता है।गर्भ निरोधक के रूप में अपामार्ग का इस्तेमाल करने के लिए इसकी जड़ का इस्तेमाल किया जाता है।
असुरक्षित संबंध बनाने के बाद से नियमित रूप से अपामार्ग की जड़ के छोटे टुकड़े को दागे से बांध कर महिला अपने गुप्तांग में रखें।
इससे गर्भवती होने का खतरा बहुत अधिक कम हो जाता है।
गर्भ निरोधन के लिए सावधानियां और जरूरी बातें -
एक बात का जरूर ध्यान रखें की कोई भी दवा, मेडिसिन या औषधि कभी भी आपको 100% परिणाम नहीं दे सकती है।क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर की कार्य प्रणाली अलग अलग होती है।
हो सकता है कोई दवा या औषधि आपके लिए पूरी तरह उपयुक्त हो और वह दूसरे के लिए बिल्कुल भी काम न करें।
इसके लिए उन्ही चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमें नुकसान भी न दें और वह अपना प्रभाव भी दिखाएं।
यहां हमने आपको कुछ प्राकृतिक औषधियां बताई हैं जो बेहद प्रभावी हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक महिला को इसका सत प्रतिशत परिणाम मिलें।
- इन सब के अलावा जहां तक संभव हो अपने आप पर संयम रखें यह सबसे उत्तम है।
- साथ ही अगर कोई महिला 24 घंटे में 4 से 5 घंटे अपने बच्चे को स्तनपान कराती है तो उसमें गर्भ ठहरने की संभावना न के बराबर होती है।
- नियमित उछल कूद और भागदौड़ करें इससे भी गर्भ ठहरने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
- गर्म तासीर वाली चीजें ज्यादा खाएं साथ ही अपने आप को पूरी तरह स्वस्थ रखने की कोशिश करें क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में गर्भ ठहरना मुश्किल होता है।
- ज्यादा तली गली और स्पाइसी चीजों का सेवन न करें क्योंकि इस स्थति में ये अधिक नुकसानदेह होने के साथ साथ गर्भ निरोधन में भी परेशानी देती है।
(और पढ़ें : तेजी से हाइट कैसे बढ़ाएं बेस्ट तरीका)
3 Comments
Good information
ReplyDeleteThanks
DeleteKnowledgeful tips
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