खूनी व बादी पाइल्स/बवासीर का नया देसी इलाज और अचूक दवा (piles/bawaseer ka naya ilaj) | piles treatment - आज की इस आधुनिक जीवनशैली में अपने आप को स्वस्थ रखना एक बहुत बड़ी बात है।
क्योंकि इस भागदौड़ भरी असंतुलित जिंदगी में किसी के पास भी इतना समय और संयम नहीं है कि वह अपने आप को पूरी तरह संतुलित रख सके।
इसी शारीरिक और भाहरी असंतुलन के कारण आज लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी या शारीरिक समस्या के शिकार हैं, जिसमें बवासीर और मोटापे जैसे समस्याएं सामान्य हैं।
बवासीर को कई नामों से जाना जाता है जैसे - पाइल्स, मस्से, भगंदर आदि।
आज हम बात करेंगे कि आप किस प्रकार देसी दवा और कुछ सामान्य घरेलू उपचार की मदद से बवासीर का इलाज कर सकते हो।
भगंदर या मस्सों की यह समस्या बहुत ही गंभीर बीमारी है, जो अगर सही समय पर उपचारित नहीं की गई तो आगे जाकर कैंसर जैसी और भी कई प्रकार की घातक बीमारियों में बदल सकती है।
बवासीर या मस्से जिसे हम पाइल्स के नाम से भी जानते हैं यह एक ऐसी बीमारी है जो ना तो किसी से कही जाती है और ना ही खुद से सही जाती है।
(और पढ़ें : बवासीर से पाएं तुरंत छुटकारा)
आमतौर पर देखा जाए तो यह समस्या पूरी तरह हमारे खानपान से जुड़ी हुई है।
जब हमारे भोजन में असंतुलन होता है तो हमें कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।
और उन्हीं समस्याओं के लगातार हमारे अंदर बने रहने के कारण हमें बवासीर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पाइल्स या मस्सों की समस्या में हमारे गुदा द्वार और उसके आसपास के क्षेत्र में सूजन आ जाती है।
जब अधिक समय तक कब्ज हमारे अंदर बनी रहती है तो इससे हमारे उस हिस्से पर अधिक दबाव बना रहता है।
जिस वजह से गुदा द्वार की रक्त वाहिनियां और वहां का क्षेत्र मस्सों के रूप में बाहर निकलने लग जाता हैं। इसे ही हम पाइल्स/बवासीर या भगंदर के नाम से जानते हैं।
और यदि ये आंतरिक सतह पर बनते हैं तो हम इन्हे भीतरी या आंतरिक मस्से या इंटरनल हैमरॉइड के नाम से जानते हैं।
इसी तरह बवासीर के दो और प्रकार हैं, खूनी बवासीर और बादी बवासीर।
खूनी बवासीर में मरीज को मल त्याग करते समय और बाद मल द्वार से रक्त या खून का स्राव होता है।
लेकिन बादी बवासीर में इसके विपरित है। इसमें आमतौर पर लोगों का मानना है कि कब्ज के कारण या पेट की खराबी के कारण मस्से होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है।
बादी बवासीर होने की स्थति में हमारा मल द्वार मस्सों की उपस्थिति के कारण सिकुड़ जाता है या संकरा जाता है।
जिसके कारण वहां जलन, दर्द और खुजली होती है, और अच्छे से पेट साफ नहीं होता है।
जिसकी वजह से हमें इसके साथ और भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जिनके आधार पर आसानी से पता लगाया जा सकता है, कि यह भगंदर या बवासीर की स्थति हो सकती है।
बवासीर होने पर गुदा द्वार में खुजली, जलन और गंभीर पीड़ा होना।
मल के साथ सफेद झिल्ली का आना।
(और पढ़ें : खून बढ़ाने के उपाय)
यह स्थति शुरू में ज्यादा गंभीर नही होती है, इसीलिए मल के बूंद - बूंद करके खून आता है।
लेकिन धीरे धीरे यह गंभीर होती जाती है और मल त्याग करते समय बहुत अधिक रक्त का स्राव होता है।
शुरुआत में ये छोटे और कम पीड़ादायक होते हैं।
लेकिन समय के साथ साथ बड़े और अधिक दर्द देने वाले हो जाते हैं।
शुरू में मस्सों का आकार छोटा होता है, और ये गुदा द्वार की आंतरिक सतह पर होते हैं।
लेकिन धीरे धीरे ये इनके आकार में वृद्धि होती जाती है और बाहर निकलने लग जाते हैं।
अधिक गंभीर होने की स्थति में इन्हे मरीज को अपनी उंगलियों की सहायता अंदर धकेलना पड़ता है।
लेकिन जब ये और भी गंभीर हो जाते हैं तब ये अंदर भी नहीं धकेले जाते और फिशर, फिस्टुला तथा गुदा के कैंसर का भी रूप ले सकते हैं।
यदि आपको भी इसके लक्षण दिखें, तो इनको जरूर उपचारित कर लें।
क्योंकि बाद में ये अधिक पीड़ादायक और गंभीर समस्याएं पैदा करने वाले होते हैं।
जिनकी वजह से आमतौर पर लोगों में यह समस्या पैदा होती है।
कुछ मुख्या कारण निम्न हैं -
जब हमारे शरीर में कब्ज लगातार लंबे समय तक बनी रहती है, तो इससे हमारा मल अधिक मजबूत हो जाता है।
इस स्थति में मल या बाहर आता ही नहीं और यदि आता है तो वह गुदा की आंतरिक सतह को नुकसान पहुंचता है।
जिसकी वजह से रक्त का स्राव होता है और बाद में यह स्थति अधिक गंभीर हो जाती है।
(और पढ़ें: कब्ज का बेहतरीन इलाज)
जिससे वहां की रक्त वाहिनियों में सूजन आ जाता है। और बाद में यह स्थति बवासीर या पाइल्स की समस्या भी पैदा कर सकती है।
(और पढ़ें : pregnancy ke lakshan in first week in Hindi)
क्योंकि वजन उठाते समय व्यक्ति के रेक्टल भाग पर अधिक दबाव पड़ता है।
जिसके कारण वहां की रक्त वाहिनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, और धीरे धीरे यह स्थति बवासीर में बदल जाती है।
(और पढ़ें : हाई ब्लड प्रेशर का इलाज)
बढ़ती उम्र के कारण हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, आंतों की कार्य क्षमता में कमी आती है।
कार्य क्षमता में कमी के कारण कब्ज जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
और आगे जाकर यही कब्ज मस्से या बवासीर का कारण बनती है।
यहां आपको इस समस्या के इलाज के लिए जो भी दवा, घरेलू या आयुर्वेदिक नुस्खे बताए जा रहे हैं ये सभी अपने आप में बहुत ही बेहतर और अचूक उपचार हैं।
इनमें से आप किसी भी नुस्खे का प्रयोग कर आसानी से इस समस्या को खत्म कर सकते हो।
यह गंभीर स्थति जरूर है लेकिन यहां बताए गए किसी भी नुस्खे का आप प्रयोग करते हो तो आपको किसी भी प्रकार की कोई सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
और आप आसानी से कुछ ही दिनों में इसे आसानी से खत्म कर सकते हो।
एक बात का हमेशा ध्यान रखें, यदि हम किसी भी बीमारी को उसके शुरुआती दौर में ही उपचारित कर लेते हैं तो चाहे वह कोई भी बीमारी हो आसानी से खत्म हो जाती है।
लेकिन यदि हम इसे देखकर भी अनदेखा करते रहते है तो बाद में उसका इलाज उतना ही जटिल होता जाता है।
अतः हमेशा किसी भी प्रकार की समस्या हो उसे कभी अनदेखा न करें।
आज हम आपको बवासीर का देसी इलाज हिंदी में, पाइल्स या मस्सों की देसी और आयुर्वेदिक दवा पतंजलि, टेबलेट और मेडिसिन आदि के संदर्भ में बताएंगे।
जिनका प्रयोग कर आप किसी भी प्रकार की बवासीर हो और चाहे वह पुरानी बवासीर हो, चाहे खूनी या बादी बवासीर हो आप उसे कुछ ही दिनों में आसानी से खत्म कर सकते हो।
अतः किसी भी प्रकार की सर्जरी करवाने से पहले इनमे से किसी भी एक नुस्खे का प्रयोग जरूर करें।
हमें पूरी उम्मीद है कि आपको निराशा नहीं मिलेगी।
यह तेल बवासीर के लिए बहुत ही असरदार और रामबाण औषधि है।
इसका इस्तेमाल करने के बाद आपको बहुत ही जादुई तरीके से अपने मस्से ठीक होते नजर आएंगे।
ज्यातादि तेल 20 से भी अधिक जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है। जिसका असर बवासीर के मस्सों पर बहुत ही तीव्र गति से होता है।
ज्यतादि तेल से मस्सों का देसी इलाज करने के लिए आपको इस तेल की 3 से 5 ग्राम मात्रा को रूई में लेकर अपने मल द्वार में लगाना है।
ध्यान रहे तेल जितना अंदर जाएगा उतना ही आपके लिए फायदेमंद होगा।
आप इसका इस्तेमाल आप दिन में तीन बार कर सकते हो।
या जब भी आप मल त्यागने जाओ उससे पहले और बाद जरूर करें।
इसके प्रयोग से आपको तुरंत दर्द से राहत मिलेगी, खून आना बंद हो जाएगा, हर तरह का संक्रमण खत्म होगा, मस्सों से बने घाव बहुत ही जल्दी भरेंगे और आपका बवासीर हमेशा हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाएगा।
ज्यतादी ऑयल खूनी और बादी बवासीर के इलाज में समान रूप से प्रभावी है।
आप हर तरह की बवासीर के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हो।
आप ज्यातादि तेल का इस्तेमाल करते हो तो नीचे दिए सभी नुस्खों में से किसी भी एक नुस्खे का इस्तेमाल जरूर करें।
ताकि मस्सों की इस दर्दनाक बीमारी को दुबारा आने से रोका जा सके।
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ज्यातादि तेल के साथ इसका प्रयोग करके आप आसानी कुछ ही दिनों में हर प्रकार के बवासीर चाहे वो बादी वाली हो या खूनी सबको बहुत आसानी से इलाज कर सकते हो।
इसके उपयोग के पहले दिन से ही आपको अपने मस्सों की हालत में जरूर सुधार देखने को मिलेगा।
इस नुस्खे को तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले नारियल की छाल की आवश्यकता होगी।
इसके बाद आप इसे जलाकर राख तैयार कर लीजिए।
अब इस राख को बारीक कपड़े से छानकर किसी कांच की शीशी में डाल कर रख लीजिए।
यह आपकी आयुर्वेदिक दवा तैयार है आपके बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए।
इसका इस्तेमाल आपको सुबह के समय खाली पेट एक गिलास छाछ के साथ करना है।
साथ ही आपको छाछ में भुना हुआ जीरा और स्वादानुसार काला नमक जरूर डाल लेना है।
इसके बाद ही एक चम्मच बनाई हुई दवा को डालकर अच्छे से मिलाकर पीना है।
और शाम के समय प्रयोग करने के लिए भी आपको खाली पेट होना जरूरी है।
लेकिन शाम को छाछ की जगह आप पानी का ही इस्तेमाल करें।
यदि आप मस्से की गंभीर स्थति में हो, तो स्थति में आप इसे सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय भी इस्तेमाल कर सकते हो।
यकीन मानिए यह नुस्खा बहुत ही बेहतरीन नुस्खा है।
जिसका प्रयोग करके आप आसानी से पाइल्स/बवासीर का इलाज कर सकते हो।
ज्यातादि तेल की तरह यह भी पंद्रह से बीस आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है।
अभयारिष्ट एक पेय आयुर्वेदिक दवा है, जो सभी तरह पेट संबंधित या पाचन संबंधित समस्याओं के लिए बहुत ही बेहतर ढंग से काम करती है।
इसकी खास बात यह है कि यह बवासीर के मस्सों के लिए बहुत ही चमत्कारी दवा है।
जो सबसे पहले हमारे पाचन में सुधार करती है और फिर इससे जुड़ी सभी परेशानियों को खत्म कर देती है।
अभयारिष्ट का इस्तेमाल करने के लिए इसे एक बार में पंद्रह से बीस ग्राम की मात्रा में हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर करें।
इसका इस्तेमाल हमेशा खाना खाने के आधे घंटे बाद ही करें।
इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोई भी गर्भवती महिला अभयारिष्ट का इस्तेमाल बिल्कुल ना करे।
इससे उसकी प्रेग्नेंसी को नुकसान भी हो सकता है।
इसका इस्तेमाल एक बार में पंद्रह से बीस ग्राम की मात्रा में ही करें इससे अधिक नहीं।
सुबह और शाम के खाने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
(और पढ़ें: गुड़हल के फूलों का तेल बनाने की सही विधि)
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इस नुस्खे का प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति चाहे वो खूनी बवासीर से ग्रस्त हो या बादी बवासीर दोनों में ही बहुत ही बेहतर ढंग से कारगर है।
इसके बाद इसमें 50 ग्राम त्रिफला और 50 ग्राम गूग्गल मिला लें।
इस प्रयोग से आपको कुछ ही दिनों मल के साथ खून आना बिल्कुल बंद हो जाएगा।
मल त्यागते समय होने वाले दर्द में बहुत जल्दी राहत मिलेगी और सभी पाचन समस्याएं सुधार जाएंगी।
जिससे भविष्य में आपको कभी भी पाइल्स जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आमतौर पर इसे दादी का नुस्खा कहा जाता है।
पाइल्स को जड़ से खत्म के लिए यह भी एक बहुत ही चमत्कारी नुस्खा है।
इस नुस्खे का इस्तेमाल करने के बाद से ही आपको अपने बवासीर के मस्सों में आराम मिलने लगेगा।
यह बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला बहुत ही कारगर और अचूक नुस्खा है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले एक गिलास दूध को गर्म करना है।
इसके बाद इसे पूरी तरह प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें।
जब यह ठंडा हो जाए तब इसमें आधे से नींबू का रस डालकर तुरंत पी जाएं, ध्यान रहे दूध फटे ना।
अगर नींबू के रस से दूध फट जाए तो इसका इस्तेमाल न करें।
गर्म दूध की जगह आप कच्चे दूध का भी इस्तेमाल कर सकते हो, इसे गर्म करने की जरूरत नहीं है।
इस बात का जरूरत ध्यान रखें दूध फ्रिज में रख हुआ ना हों।
कुछ दिनों तक सुबह शाम आप इसका इस्तेमाल करें, आपको इससे मनचाहा परिणाम जरूर मिलेगा।
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इनके प्रयोग से आपको अपने मस्सों की हालत में बहुत तेजी से सुधार मिलता है।
इस नुस्खे का प्रयोग आप बताए गए सभी नुस्खों के साथ आसानी से कर सकते हो।
मदार के पत्तों से नुस्खा तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले एक मिट्टी के मटके की जरूरत होगी।
अब इस मिट्टी के मटके में मदार के साफ पत्तों को आधा भर लें।
और इसमें ऊपर तक पानी डाल कर पांच से सात दिनों के लिए ढक कर रख दें।
पांच दिन बाद आप इस पानी का प्रयोग मल त्याग के बाद अपने गुदा द्वार को साफ करें।
जब भी आप मल त्याग करें, तब साधे पानी की जगह आपको इसी पानी का इस्तेमाल करना है।
इससे कुछ ही दिनों में आपको मस्से सूखकर बिल्कुल ठीक हो जाएंगे।
यह पाइल्स या बवासीर के इलाज के लिए भी बेहतर ढंग से अपना काम करता है।
इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको हर रोज रात को सोते समय चार से छ अंजीर पानी में भिगोकर रख देनी हैं।
इसके बाद सुबह खाली पेट इनका इस्तेमाल करें।
साथ ही आपको इमली के फूलों का रस मल त्याग करने के बाद अपने मस्सों पर जरूर लगाना।
इससे मस्सों के दर्द में आपको तुरंत राहत मिलेगी, और खून आना भी बंद हो जाएगा।
खूनी मस्सों के इलाज के लिए यह बहुत ही अच्छा और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है।
इन दोनों औषधियों के लगातार प्रयोग से धीरे धीरे करके आपके पाचन संबंधी सभी समस्याएं ठीक होंगी और साथ ही बवासीर के मस्से सूखने लग जाएंगे।
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इस नुस्खे का इस्तेमाल करना बिल्कुल सरल है।
बस आपको इसके लिए एक केले और एक टुकड़े देसी कपूर की जरूरत होगी।
याद रहे कपूर देसी और शुद्ध होना चाहिए, पैकिंग वाले कपूर का इस्तेमाल ना करें।
इसके बाद इसके छोटे छोटे टुकड़े करलें, और इन टुकड़ों को केले में डालकर निगल जाए।
इसका इस्तेमाल रोज खाली पेट कुछ दिनों तक दिन में दो बार करें।
यह भी आपके मस्सों के लिए बहुत अच्छी दवा है।
यह एक अचूक और बेहतरीन औषधि है, जो आपके मस्सों को कुछ ही दिनों में सूखा कर खत्म कर देगी।
आप इसका इस्तेमाल किसी भी नुस्खे के साथ कर सकते हो, या इसका अकेले भी इस्तेमाल कर सकते हो।
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सबसे पहले आपको मक्खन को साफ करना है, इसके लिए थोड़े से ठंडे पानी में 50 ग्राम मक्खन को अच्छे से रोंधना है।
यह प्रक्रिया आपको ठंडे पानी में कई बार दौहरानी है।
जब मक्खन पूरी तरह साफ हो जाए तब भूरी मिर्च का बारीक पाउडर बनाकर सिंदूर के साथ इसमें मिला देना है।
इन सब को अच्छे से मिलाने के बाद इसे कुछ देर तक फेंट कर किसी चीनी मिट्टी या कांच के बर्तन में भरकर रख दें।
आप चाहे तो मस्सों पर इसकी मसाज भी कर सकते हो या फिर इसे अपनी उंगलियों की सहायता से अपने गुदा में अंदर तक भी मल सकते हो।
इससे आंतरिक मस्सों में भी बहुत जल्दी राहत मिलेगी और कुछ दिन के लगातार प्रयोग से आप बिल्कुल तंदुरुस्त हो जाओगे।
यह नुस्खा बादी वाली बवासीर के लिए बेहतर और असरदार माना जाता है।
इस नुस्खे का इस्तेमाल करके आप आसानी से किसी भी तरह के बवासीर को खत्म कर सकते हो।
जब यह अच्छे से गर्म हो जाए तब आप इसमें नोसादार, कपूर और सुहागा को इसी अनुपात तेल को हिलाते हुए मिलाएं।
जब ये सब चीजें इसमें अच्छे से पक जाए या यह तेल गाढ़ा होने लग जाए तब इसे ठंडा करलें।
अब इसे किसी कांच के बर्तन में भरकर रख लें।
इसका प्रयोग आप सुबह मल त्याग के बाद और रात को सोते समय करें।
इसके प्रयोग से आपको अपने मस्सों की हालत में बहुत जल्दी सुधार देखने को मिलेगा।
और कुछ ही दिनों में बवासीर के सारे मस्से सूख कर झड़ जाएंगे।
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इसके प्रयोग से आप बहुत ही आसानी से अपने बवासीर के मस्सों का इलाज कर सकते हो।
इस नुस्खे को तैयार करने के लिए आपको शुद्ध रसोंत का चुनाव करना होगा। और आपको जरूरत होगी नीम के पत्तों की -
सबसे पहले नीम के पत्तों को छाया में सुखाकर एक बारीक पाउडर तैयार करलें।
पाउडर बनाने के लिए पत्थर या लकड़ी के दस्ते का प्रयोग करें।
इसे बारीक करने के बाद कपड़े से जरूर छान लें। और छाने हुए पाउडर को चीनी मिट्टी के बर्तन में रख लें।
इसके बाद 10 ग्राम रसोंत को पानी में घोल लें।
ध्यान रहे रसोंत का पानी या तो आप चीनी मिट्टी के बर्तन में बनाए या किसी कांच के गिलास में।
अब 20 से 25 ग्राम नीम के पत्तों के पाउडर में रसोंत का पानी डाल कर इसे अच्छे घोट लें।
एक बार में सारे पानी का प्रयोग ना करें, आपको हर रोज सुबह शाम इस पाउडर में थोड़ा थोड़ा रसोंत का पानी डाल कर चार पांच दिन तक घोटना है।
ताकि नीम का पाउडर इस पानी को अच्छी तरह सोख सके।
चार पांच दिन तक ऐसा करने के बाद इसकी गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें, और किसी कांच की शीशी में बंद करके रख लें।
इन गोलियों का इस्तेमाल आप हर रोज सुबह शाम हल्के गुनगुने दूध के साथ करें।
इससे आपके मस्से बहुत जल्दी पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।
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इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है।
बस आधे कटे नींबू में आपको थोड़ा सा कत्था लगाकर रात भर के लिए खुला छोड़ देना है।
सुबह उठकर खाली पेट इसे खाएं।
ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करें।
आप देखेंगे की आपके मस्से धीरे धीरे ठीक हो रहे है।
और कुछ समय में सभी मस्से सूखकर बिल्कुल ठीक जाते हैं।
इसके इस्तेमाल से आपकी कब्ज पूरी तरह ठीक हो जाएगी, मल ढीला होगा और आंतों में नमी आएगी।
जिससे आपको मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मस्सों से बने घाव को बहुत जल्दी भरता है और पाचन प्रक्रिया को सुधारकर बवासीर को आने से रोकता है।
इसका लगातार प्रयोग करते रहने से हर प्रकार का बवासीर कुछ ही समय में आसानी से दूर हो जाता है।
इसका प्रयोग थोड़े गुनगुने पानी के साथ सुबह और दोपहर खाने के बाद करें।
इस बात का जरूरत ध्यान रखे कि इस नुस्खे का प्रयोग रात के समय ना करें।
इन औषधियों के प्रयोग से आप पुरानी से पुरानी बवासीर को भी उपचारित कर सकते हो।
इसके बाद कपड़े की सहायता से कॉटन लगाकर बांध लें।
यह दवा खूनी बवासीर के इलाज के लिए बेहतर मानी जाती है।
इससे आपके गूदा द्वार में होने वाले घाव भी जल्दी भरेंगे और कुछ ही समय में यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
योग और प्राणायाम की मदद से इनमें बेहतर रूप से जल्दी सुधार आता है।
इसके लिए आप कपालभांति, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम, सर्वांगासन, शीर्षासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, हलासन आदि नियमित रूप से कर सकते हो।
(और पढ़ें : कपालभांति, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम)
इनमें से आप किसी भी नुस्खे का प्रयोग कर पाइल्स या बवासीर की समस्या का आसानी से इलाज कर सकते हो।
ये सभी नुस्खे बहुत ही खोज बीन के बाद हम आपके साथ शेयर कर रहे है।
इन सब नुस्खों का श्रेय हमारे योग गुरुओं, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और नीम हकीमों को जाता है।
क्योंकि उन्ही की बदौलत इन की पहचान की गई थी।
इनका इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को बवासीर की समस्या से छुटकारा जरूर मिला है।
आप चाहे तो एक साथ ऊपर बताए गए नुस्खों में एक से अधिक का भी इस्तेमाल कर सकते हो।
इन सब के साथ इस बात का भी जरूर ध्यान रखें कि पाइल्स की यह समस्या आपके पेट या पाचन की समस्याओं से शुरू होती हैं।
अतः आपको जरूरत है कि अपने अंदर पाचन संबंधी किसी भी समस्या को न रहने दें।
इन सभी नुस्खों में किसी भी नुस्खे का प्रयोग करते समय आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना है।
कृपया इन पर जरूर ध्यान दें, नहीं तो एक बार खत्म होने के बावजूद भी बवासीर की यह समस्या आपने दोबारा हो सकती है।
(और पढ़ें : मोटापा कम करने के बेस्ट उपाय)
लेकिन बवासीर से बचाव के लिए बताई गई इन बातों का आप जरूर ध्यान रखें।
हमे पूरी उम्मीद है कि आपको कभी भी यहां से निराशा नहीं मिलेगी।
साथ ही आपका हर सुझाव हमारे लिए एक प्लस प्वाइंट होगा।
अतः आप अपना सुझाव हमारे साथ जरूर शेयर करें।
यदि आप इस संदर्भ में अपना अनुभव या सुझाव रखते हो तो कृपया हमारे साथ जरूर शेयर करें।
(और पढ़ें : गोरा होने का उपाय)
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क्योंकि इस भागदौड़ भरी असंतुलित जिंदगी में किसी के पास भी इतना समय और संयम नहीं है कि वह अपने आप को पूरी तरह संतुलित रख सके।
इसी शारीरिक और भाहरी असंतुलन के कारण आज लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी या शारीरिक समस्या के शिकार हैं, जिसमें बवासीर और मोटापे जैसे समस्याएं सामान्य हैं।
बवासीर को कई नामों से जाना जाता है जैसे - पाइल्स, मस्से, भगंदर आदि।
आज हम बात करेंगे कि आप किस प्रकार देसी दवा और कुछ सामान्य घरेलू उपचार की मदद से बवासीर का इलाज कर सकते हो।
भगंदर या मस्सों की यह समस्या बहुत ही गंभीर बीमारी है, जो अगर सही समय पर उपचारित नहीं की गई तो आगे जाकर कैंसर जैसी और भी कई प्रकार की घातक बीमारियों में बदल सकती है।
बवासीर या मस्से जिसे हम पाइल्स के नाम से भी जानते हैं यह एक ऐसी बीमारी है जो ना तो किसी से कही जाती है और ना ही खुद से सही जाती है।
(और पढ़ें : बवासीर से पाएं तुरंत छुटकारा)
खूनी व बादी पाइल्स/बवासीर का नया देसी इलाज और अचूक दवा | piles treatment.
आमतौर पर देखा जाए तो यह समस्या पूरी तरह हमारे खानपान से जुड़ी हुई है।
जब हमारे भोजन में असंतुलन होता है तो हमें कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।
और उन्हीं समस्याओं के लगातार हमारे अंदर बने रहने के कारण हमें बवासीर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पाइल्स या मस्सों की समस्या में हमारे गुदा द्वार और उसके आसपास के क्षेत्र में सूजन आ जाती है।
जब अधिक समय तक कब्ज हमारे अंदर बनी रहती है तो इससे हमारे उस हिस्से पर अधिक दबाव बना रहता है।
जिस वजह से गुदा द्वार की रक्त वाहिनियां और वहां का क्षेत्र मस्सों के रूप में बाहर निकलने लग जाता हैं। इसे ही हम पाइल्स/बवासीर या भगंदर के नाम से जानते हैं।
बवासीर या पाइल्स के प्रकार -
अगर ये मस्से हमारे गुदा की बाहरी सतह पर बनते हैं तो हम इन्हे बाहरी मस्से या एक्सटर्नल हैमरॉइड के नाम से जानते हैं।और यदि ये आंतरिक सतह पर बनते हैं तो हम इन्हे भीतरी या आंतरिक मस्से या इंटरनल हैमरॉइड के नाम से जानते हैं।
इसी तरह बवासीर के दो और प्रकार हैं, खूनी बवासीर और बादी बवासीर।
खूनी बवासीर में मरीज को मल त्याग करते समय और बाद मल द्वार से रक्त या खून का स्राव होता है।
लेकिन बादी बवासीर में इसके विपरित है। इसमें आमतौर पर लोगों का मानना है कि कब्ज के कारण या पेट की खराबी के कारण मस्से होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है।
बादी बवासीर होने की स्थति में हमारा मल द्वार मस्सों की उपस्थिति के कारण सिकुड़ जाता है या संकरा जाता है।
जिसके कारण वहां जलन, दर्द और खुजली होती है, और अच्छे से पेट साफ नहीं होता है।
जिसकी वजह से हमें इसके साथ और भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Bawaseer Ka ilaj |
पाइल्स के लक्षण -
सामान्यतः बवासीर के लक्षण कई प्रकार से दिखाई देते हैं।जिनके आधार पर आसानी से पता लगाया जा सकता है, कि यह भगंदर या बवासीर की स्थति हो सकती है।
बवासीर होने पर गुदा द्वार में खुजली, जलन और गंभीर पीड़ा होना।
मल के साथ सफेद झिल्ली का आना।
(और पढ़ें : खून बढ़ाने के उपाय)
रक्त का स्राव होना -
इसके लक्षणों में मल त्याग करते समय या मल त्याग करने के बाद रक्त का आना।यह स्थति शुरू में ज्यादा गंभीर नही होती है, इसीलिए मल के बूंद - बूंद करके खून आता है।
लेकिन धीरे धीरे यह गंभीर होती जाती है और मल त्याग करते समय बहुत अधिक रक्त का स्राव होता है।
गुदा द्वार में मस्से उभर आना -
जब आपको बवासीर होता है तो गुदा द्वार में मस्से उभर आते हैं।शुरुआत में ये छोटे और कम पीड़ादायक होते हैं।
लेकिन समय के साथ साथ बड़े और अधिक दर्द देने वाले हो जाते हैं।
शुरू में मस्सों का आकार छोटा होता है, और ये गुदा द्वार की आंतरिक सतह पर होते हैं।
लेकिन धीरे धीरे ये इनके आकार में वृद्धि होती जाती है और बाहर निकलने लग जाते हैं।
अधिक गंभीर होने की स्थति में इन्हे मरीज को अपनी उंगलियों की सहायता अंदर धकेलना पड़ता है।
लेकिन जब ये और भी गंभीर हो जाते हैं तब ये अंदर भी नहीं धकेले जाते और फिशर, फिस्टुला तथा गुदा के कैंसर का भी रूप ले सकते हैं।
यदि आपको भी इसके लक्षण दिखें, तो इनको जरूर उपचारित कर लें।
क्योंकि बाद में ये अधिक पीड़ादायक और गंभीर समस्याएं पैदा करने वाले होते हैं।
बवासीर के कारण -
अगर इसके कारणों की बात की जाए तो इसके लिए कई सारे कारण हो सकते हैं।जिनकी वजह से आमतौर पर लोगों में यह समस्या पैदा होती है।
कुछ मुख्या कारण निम्न हैं -
कब्ज -
कांस्टिपेशन या कब्ज मस्सों का सबसे बड़ा कारण है।जब हमारे शरीर में कब्ज लगातार लंबे समय तक बनी रहती है, तो इससे हमारा मल अधिक मजबूत हो जाता है।
इस स्थति में मल या बाहर आता ही नहीं और यदि आता है तो वह गुदा की आंतरिक सतह को नुकसान पहुंचता है।
जिसकी वजह से रक्त का स्राव होता है और बाद में यह स्थति अधिक गंभीर हो जाती है।
(और पढ़ें: कब्ज का बेहतरीन इलाज)
गर्भावस्था -
इस स्थति में महिला के एब्डॉमिनल भाग में गर्भ की उपस्थिति के कारण उसके रेक्टल भाग पर दबाव बढ़ जाता है।जिससे वहां की रक्त वाहिनियों में सूजन आ जाता है। और बाद में यह स्थति बवासीर या पाइल्स की समस्या भी पैदा कर सकती है।
(और पढ़ें : pregnancy ke lakshan in first week in Hindi)
आनुवंशिक -
अगर आपके करीबी रिश्तेदार को यदि कभी पाइल्स की समस्या हुई है, तो संभावना है कि आपके भी यह समस्या हो सकती है।अधिक वजन उठाना -
जो लोग अपनी दिनचर्या में वजन अधिक उठाते हैं उनमें, वजन न उठाने वाले लोगो की तुलना में पाइल्स या बवासीर होने की संभावना अधिक होती है।क्योंकि वजन उठाते समय व्यक्ति के रेक्टल भाग पर अधिक दबाव पड़ता है।
जिसके कारण वहां की रक्त वाहिनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, और धीरे धीरे यह स्थति बवासीर में बदल जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर -
जिन लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या लगातार लम्बे समय तक बनी रहती है उनमें, पाइल्स या मस्से होने की संभावना अधिक होती है।(और पढ़ें : हाई ब्लड प्रेशर का इलाज)
बढ़ती उम्र -
कई बार लोगों में बढ़ती उम्र के कारण भी पाइल्स की समस्या हो सकती है।बढ़ती उम्र के कारण हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, आंतों की कार्य क्षमता में कमी आती है।
कार्य क्षमता में कमी के कारण कब्ज जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
और आगे जाकर यही कब्ज मस्से या बवासीर का कारण बनती है।
मस्सों/बवासीर का इलाज और दवा -
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इनमें से आप किसी भी नुस्खे का प्रयोग कर आसानी से इस समस्या को खत्म कर सकते हो।
यह गंभीर स्थति जरूर है लेकिन यहां बताए गए किसी भी नुस्खे का आप प्रयोग करते हो तो आपको किसी भी प्रकार की कोई सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
और आप आसानी से कुछ ही दिनों में इसे आसानी से खत्म कर सकते हो।
एक बात का हमेशा ध्यान रखें, यदि हम किसी भी बीमारी को उसके शुरुआती दौर में ही उपचारित कर लेते हैं तो चाहे वह कोई भी बीमारी हो आसानी से खत्म हो जाती है।
लेकिन यदि हम इसे देखकर भी अनदेखा करते रहते है तो बाद में उसका इलाज उतना ही जटिल होता जाता है।
अतः हमेशा किसी भी प्रकार की समस्या हो उसे कभी अनदेखा न करें।
आज हम आपको बवासीर का देसी इलाज हिंदी में, पाइल्स या मस्सों की देसी और आयुर्वेदिक दवा पतंजलि, टेबलेट और मेडिसिन आदि के संदर्भ में बताएंगे।
जिनका प्रयोग कर आप किसी भी प्रकार की बवासीर हो और चाहे वह पुरानी बवासीर हो, चाहे खूनी या बादी बवासीर हो आप उसे कुछ ही दिनों में आसानी से खत्म कर सकते हो।
अतः किसी भी प्रकार की सर्जरी करवाने से पहले इनमे से किसी भी एक नुस्खे का प्रयोग जरूर करें।
हमें पूरी उम्मीद है कि आपको निराशा नहीं मिलेगी।
1. ज्यातादि तेल है बवासीर की दवा हिंदी में -
आयुर्वेद में बवासीर या मस्सों की समस्या के लिए ज्यातादि तेल को सबसे बेहतर और अचूक दवा माना जाता है।यह तेल बवासीर के लिए बहुत ही असरदार और रामबाण औषधि है।
इसका इस्तेमाल करने के बाद आपको बहुत ही जादुई तरीके से अपने मस्से ठीक होते नजर आएंगे।
ज्यातादि तेल 20 से भी अधिक जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है। जिसका असर बवासीर के मस्सों पर बहुत ही तीव्र गति से होता है।
ज्यतादि तेल से मस्सों का देसी इलाज करने के लिए आपको इस तेल की 3 से 5 ग्राम मात्रा को रूई में लेकर अपने मल द्वार में लगाना है।
ध्यान रहे तेल जितना अंदर जाएगा उतना ही आपके लिए फायदेमंद होगा।
आप इसका इस्तेमाल आप दिन में तीन बार कर सकते हो।
या जब भी आप मल त्यागने जाओ उससे पहले और बाद जरूर करें।
इसके प्रयोग से आपको तुरंत दर्द से राहत मिलेगी, खून आना बंद हो जाएगा, हर तरह का संक्रमण खत्म होगा, मस्सों से बने घाव बहुत ही जल्दी भरेंगे और आपका बवासीर हमेशा हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाएगा।
ज्यतादी ऑयल खूनी और बादी बवासीर के इलाज में समान रूप से प्रभावी है।
आप हर तरह की बवासीर के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हो।
आप ज्यातादि तेल का इस्तेमाल करते हो तो नीचे दिए सभी नुस्खों में से किसी भी एक नुस्खे का इस्तेमाल जरूर करें।
ताकि मस्सों की इस दर्दनाक बीमारी को दुबारा आने से रोका जा सके।
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2. नारियल की छाल से पाइल्स का इलाज हिंदी -
यह नुस्खा बहुत ही बेहतरीन आयुर्वेदिक नुस्खा है।ज्यातादि तेल के साथ इसका प्रयोग करके आप आसानी कुछ ही दिनों में हर प्रकार के बवासीर चाहे वो बादी वाली हो या खूनी सबको बहुत आसानी से इलाज कर सकते हो।
इसके उपयोग के पहले दिन से ही आपको अपने मस्सों की हालत में जरूर सुधार देखने को मिलेगा।
इस नुस्खे को तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले नारियल की छाल की आवश्यकता होगी।
इसके बाद आप इसे जलाकर राख तैयार कर लीजिए।
अब इस राख को बारीक कपड़े से छानकर किसी कांच की शीशी में डाल कर रख लीजिए।
यह आपकी आयुर्वेदिक दवा तैयार है आपके बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए।
इसका इस्तेमाल आपको सुबह के समय खाली पेट एक गिलास छाछ के साथ करना है।
साथ ही आपको छाछ में भुना हुआ जीरा और स्वादानुसार काला नमक जरूर डाल लेना है।
इसके बाद ही एक चम्मच बनाई हुई दवा को डालकर अच्छे से मिलाकर पीना है।
और शाम के समय प्रयोग करने के लिए भी आपको खाली पेट होना जरूरी है।
लेकिन शाम को छाछ की जगह आप पानी का ही इस्तेमाल करें।
यदि आप मस्से की गंभीर स्थति में हो, तो स्थति में आप इसे सुबह, दोपहर और शाम तीनों समय भी इस्तेमाल कर सकते हो।
यकीन मानिए यह नुस्खा बहुत ही बेहतरीन नुस्खा है।
जिसका प्रयोग करके आप आसानी से पाइल्स/बवासीर का इलाज कर सकते हो।
3. अभयारिष्ट है मस्सों की बेस्ट दवा पतंजलि -
पाइल्स या बवासीर के लिए अभयारिष्ट का प्रयोग करना भी बहुत ही कारगर होता है।ज्यातादि तेल की तरह यह भी पंद्रह से बीस आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है।
अभयारिष्ट एक पेय आयुर्वेदिक दवा है, जो सभी तरह पेट संबंधित या पाचन संबंधित समस्याओं के लिए बहुत ही बेहतर ढंग से काम करती है।
इसकी खास बात यह है कि यह बवासीर के मस्सों के लिए बहुत ही चमत्कारी दवा है।
जो सबसे पहले हमारे पाचन में सुधार करती है और फिर इससे जुड़ी सभी परेशानियों को खत्म कर देती है।
अभयारिष्ट का इस्तेमाल करने के लिए इसे एक बार में पंद्रह से बीस ग्राम की मात्रा में हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर करें।
इसका इस्तेमाल हमेशा खाना खाने के आधे घंटे बाद ही करें।
इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोई भी गर्भवती महिला अभयारिष्ट का इस्तेमाल बिल्कुल ना करे।
इससे उसकी प्रेग्नेंसी को नुकसान भी हो सकता है।
इसका इस्तेमाल एक बार में पंद्रह से बीस ग्राम की मात्रा में ही करें इससे अधिक नहीं।
सुबह और शाम के खाने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
(और पढ़ें: गुड़हल के फूलों का तेल बनाने की सही विधि)
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4. त्रिफला और गूग्गल से भगंदर का इलाज बाबा रामदेव -
गूग्गल और त्रिफला का यह नुस्खा भी पाइल्स के लिए सभी बेहतरीन नुस्खों में से एक है।इस नुस्खे का प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति चाहे वो खूनी बवासीर से ग्रस्त हो या बादी बवासीर दोनों में ही बहुत ही बेहतर ढंग से कारगर है।
क्या चाहिए -
- त्रिफला 50 ग्राम
- देसी हल्दी 50 ग्राम
- गूग्गल 50 ग्राम
कैसे बनाए -
सबसे पहले आप 50 ग्राम गांठ वाली हल्दी को अच्छे से धोकर बारीक पीस लें।इसके बाद इसमें 50 ग्राम त्रिफला और 50 ग्राम गूग्गल मिला लें।
कैसे इस्तेमाल करें -
बनाई गई दवा का प्रयोग एक चम्मच सुबह और दोपहर में छाछ के साथ करें और शाम को दूध के साथ करें।इस प्रयोग से आपको कुछ ही दिनों मल के साथ खून आना बिल्कुल बंद हो जाएगा।
मल त्यागते समय होने वाले दर्द में बहुत जल्दी राहत मिलेगी और सभी पाचन समस्याएं सुधार जाएंगी।
जिससे भविष्य में आपको कभी भी पाइल्स जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
5. नींबू और दूध से बनाएं यह नुस्खा -
बवासीर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला यह बहुत ही पुराना नुस्खा है।आमतौर पर इसे दादी का नुस्खा कहा जाता है।
पाइल्स को जड़ से खत्म के लिए यह भी एक बहुत ही चमत्कारी नुस्खा है।
इस नुस्खे का इस्तेमाल करने के बाद से ही आपको अपने बवासीर के मस्सों में आराम मिलने लगेगा।
यह बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला बहुत ही कारगर और अचूक नुस्खा है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले एक गिलास दूध को गर्म करना है।
इसके बाद इसे पूरी तरह प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें।
जब यह ठंडा हो जाए तब इसमें आधे से नींबू का रस डालकर तुरंत पी जाएं, ध्यान रहे दूध फटे ना।
अगर नींबू के रस से दूध फट जाए तो इसका इस्तेमाल न करें।
गर्म दूध की जगह आप कच्चे दूध का भी इस्तेमाल कर सकते हो, इसे गर्म करने की जरूरत नहीं है।
इस बात का जरूरत ध्यान रखें दूध फ्रिज में रख हुआ ना हों।
कुछ दिनों तक सुबह शाम आप इसका इस्तेमाल करें, आपको इससे मनचाहा परिणाम जरूर मिलेगा।
(और पढ़ें: सफेद दाग का बेस्ट इलाज)
6. मदार (आक) से करें बवासीर के मस्से खत्म करने वाला देसी इलाज -
बवासीर की इस समस्या के लिए मदार या आक के पत्तों का भी पुराने समय से प्रयोग किया जाता आ रहा है।इनके प्रयोग से आपको अपने मस्सों की हालत में बहुत तेजी से सुधार मिलता है।
इस नुस्खे का प्रयोग आप बताए गए सभी नुस्खों के साथ आसानी से कर सकते हो।
मदार के पत्तों से नुस्खा तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले एक मिट्टी के मटके की जरूरत होगी।
अब इस मिट्टी के मटके में मदार के साफ पत्तों को आधा भर लें।
और इसमें ऊपर तक पानी डाल कर पांच से सात दिनों के लिए ढक कर रख दें।
पांच दिन बाद आप इस पानी का प्रयोग मल त्याग के बाद अपने गुदा द्वार को साफ करें।
जब भी आप मल त्याग करें, तब साधे पानी की जगह आपको इसी पानी का इस्तेमाल करना है।
इससे कुछ ही दिनों में आपको मस्से सूखकर बिल्कुल ठीक हो जाएंगे।
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7. अंजीर से मस्सों का इलाज -
आयुर्वेद में अंजीर को कई रोगों में एक सफल औषधि के रूप इस्तेमाल किया जाता है।यह पाइल्स या बवासीर के इलाज के लिए भी बेहतर ढंग से अपना काम करता है।
इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको हर रोज रात को सोते समय चार से छ अंजीर पानी में भिगोकर रख देनी हैं।
इसके बाद सुबह खाली पेट इनका इस्तेमाल करें।
साथ ही आपको इमली के फूलों का रस मल त्याग करने के बाद अपने मस्सों पर जरूर लगाना।
इससे मस्सों के दर्द में आपको तुरंत राहत मिलेगी, और खून आना भी बंद हो जाएगा।
खूनी मस्सों के इलाज के लिए यह बहुत ही अच्छा और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है।
इन दोनों औषधियों के लगातार प्रयोग से धीरे धीरे करके आपके पाचन संबंधी सभी समस्याएं ठीक होंगी और साथ ही बवासीर के मस्से सूखने लग जाएंगे।
(और पढ़ें: गर्भ गिराने का तरीका)
8. कपूर से बवासीर का उपचार हिंदी में -
यह नुस्खा भी पुराने समय से चला आ रहा एक छोटा सा कारगर नुस्खों में से एक है।इस नुस्खे का इस्तेमाल करना बिल्कुल सरल है।
बस आपको इसके लिए एक केले और एक टुकड़े देसी कपूर की जरूरत होगी।
याद रहे कपूर देसी और शुद्ध होना चाहिए, पैकिंग वाले कपूर का इस्तेमाल ना करें।
इसके बाद इसके छोटे छोटे टुकड़े करलें, और इन टुकड़ों को केले में डालकर निगल जाए।
इसका इस्तेमाल रोज खाली पेट कुछ दिनों तक दिन में दो बार करें।
यह भी आपके मस्सों के लिए बहुत अच्छी दवा है।
9. मक्खन से मस्से हो जाएंगे जड़ से खत्म -
यदि आप चाहते हो की किसी मलहम की सहायता से ही बवासीर का इलाज किया जा सके तो आप इस नुस्खे का इस्तेमाल कर सकते हो।यह एक अचूक और बेहतरीन औषधि है, जो आपके मस्सों को कुछ ही दिनों में सूखा कर खत्म कर देगी।
आप इसका इस्तेमाल किसी भी नुस्खे के साथ कर सकते हो, या इसका अकेले भी इस्तेमाल कर सकते हो।
(और पढ़ें: यूरिक एसिड का इलाज)
क्या चाहिए -
- 50 ग्राम मक्खन
- ठंडा पानी
- 6 से 7 भूरी मिर्च के दाने
- 2 ग्राम डेवाल्डी सिंदूर
कैसे तैयार करें -
इन सभी को इसी मात्रा में आपको लेना है।सबसे पहले आपको मक्खन को साफ करना है, इसके लिए थोड़े से ठंडे पानी में 50 ग्राम मक्खन को अच्छे से रोंधना है।
यह प्रक्रिया आपको ठंडे पानी में कई बार दौहरानी है।
जब मक्खन पूरी तरह साफ हो जाए तब भूरी मिर्च का बारीक पाउडर बनाकर सिंदूर के साथ इसमें मिला देना है।
इन सब को अच्छे से मिलाने के बाद इसे कुछ देर तक फेंट कर किसी चीनी मिट्टी या कांच के बर्तन में भरकर रख दें।
कैसे प्रयोग करें -
इसका प्रयोग आप दिन में मल त्याग के बाद और रात को सोते समय अपने मस्सों पर करें।आप चाहे तो मस्सों पर इसकी मसाज भी कर सकते हो या फिर इसे अपनी उंगलियों की सहायता से अपने गुदा में अंदर तक भी मल सकते हो।
इससे आंतरिक मस्सों में भी बहुत जल्दी राहत मिलेगी और कुछ दिन के लगातार प्रयोग से आप बिल्कुल तंदुरुस्त हो जाओगे।
यह नुस्खा बादी वाली बवासीर के लिए बेहतर और असरदार माना जाता है।
10. अरंडी का तेल से खूनी बादी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज -
बवासीर के लिए यह नुस्खा भी सबसे बेहतरीन नुस्खों में से एक है।इस नुस्खे का इस्तेमाल करके आप आसानी से किसी भी तरह के बवासीर को खत्म कर सकते हो।
क्या चाहिए -
- 100 ग्राम कैस्टर ऑयल
- 5 ग्राम नोसादर
- 30 ग्राम कपूर
- 10 ग्राम सुहागा
कैसे तैयार करें -
इसको तैयार करने के लिए सबसे पहले आप कैस्टर ऑयल को अच्छे से गर्म करले।जब यह अच्छे से गर्म हो जाए तब आप इसमें नोसादार, कपूर और सुहागा को इसी अनुपात तेल को हिलाते हुए मिलाएं।
जब ये सब चीजें इसमें अच्छे से पक जाए या यह तेल गाढ़ा होने लग जाए तब इसे ठंडा करलें।
अब इसे किसी कांच के बर्तन में भरकर रख लें।
कैसे प्रयोग में लें -
इसका प्रयोग करने के लिए रूई के फाहे की सहायता से इसे अपने मल द्वार पर लगाकर किसी कपड़े से बांध लें।इसका प्रयोग आप सुबह मल त्याग के बाद और रात को सोते समय करें।
इसके प्रयोग से आपको अपने मस्सों की हालत में बहुत जल्दी सुधार देखने को मिलेगा।
और कुछ ही दिनों में बवासीर के सारे मस्से सूख कर झड़ जाएंगे।
(और पढ़ें : जल्दी हाइट कैसे बढ़ाएं)
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11. रसोंत या रसवंती है पाइल्स की आयुर्वेदिक दवा -
रसवंती भी खूनी व बादी दोनों ही तरह के मस्सों के लिए एक बहुत ही अच्छी दवा है।इसके प्रयोग से आप बहुत ही आसानी से अपने बवासीर के मस्सों का इलाज कर सकते हो।
इस नुस्खे को तैयार करने के लिए आपको शुद्ध रसोंत का चुनाव करना होगा। और आपको जरूरत होगी नीम के पत्तों की -
सबसे पहले नीम के पत्तों को छाया में सुखाकर एक बारीक पाउडर तैयार करलें।
पाउडर बनाने के लिए पत्थर या लकड़ी के दस्ते का प्रयोग करें।
इसे बारीक करने के बाद कपड़े से जरूर छान लें। और छाने हुए पाउडर को चीनी मिट्टी के बर्तन में रख लें।
इसके बाद 10 ग्राम रसोंत को पानी में घोल लें।
ध्यान रहे रसोंत का पानी या तो आप चीनी मिट्टी के बर्तन में बनाए या किसी कांच के गिलास में।
अब 20 से 25 ग्राम नीम के पत्तों के पाउडर में रसोंत का पानी डाल कर इसे अच्छे घोट लें।
एक बार में सारे पानी का प्रयोग ना करें, आपको हर रोज सुबह शाम इस पाउडर में थोड़ा थोड़ा रसोंत का पानी डाल कर चार पांच दिन तक घोटना है।
ताकि नीम का पाउडर इस पानी को अच्छी तरह सोख सके।
चार पांच दिन तक ऐसा करने के बाद इसकी गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें, और किसी कांच की शीशी में बंद करके रख लें।
इन गोलियों का इस्तेमाल आप हर रोज सुबह शाम हल्के गुनगुने दूध के साथ करें।
इससे आपके मस्से बहुत जल्दी पूरी तरह ठीक हो जाएंगे।
(और पढ़ें: शुगर का सबसे बेस्ट इलाज)
12. नींबू से बवासीर देसी घरेलू उपचार -
मस्सों के लिए यह भी एक बहुत ही अच्छा और सरल नुस्खा है।इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है।
बस आधे कटे नींबू में आपको थोड़ा सा कत्था लगाकर रात भर के लिए खुला छोड़ देना है।
सुबह उठकर खाली पेट इसे खाएं।
ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करें।
आप देखेंगे की आपके मस्से धीरे धीरे ठीक हो रहे है।
और कुछ समय में सभी मस्से सूखकर बिल्कुल ठीक जाते हैं।
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13. जामुन की गुठली से बनाएं मस्सों की दवा हिंदी में -
इस नुस्खे का प्रयोग भी भगंदर के लिए एक घरेलू उपाय के रूप में किया जाता है।इसके इस्तेमाल से आपकी कब्ज पूरी तरह ठीक हो जाएगी, मल ढीला होगा और आंतों में नमी आएगी।
जिससे आपको मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मस्सों से बने घाव को बहुत जल्दी भरता है और पाचन प्रक्रिया को सुधारकर बवासीर को आने से रोकता है।
इसका लगातार प्रयोग करते रहने से हर प्रकार का बवासीर कुछ ही समय में आसानी से दूर हो जाता है।
क्या चाहिए -
- 50 ग्राम जामून की गुठली का पाउडर
- 25 ग्राम आम की गुठली का पाउडर
- भुने हुए जीरे का पाउडर 25 ग्राम
कैसे बनाए -
इन तीनों को इसी अनुपात में लेकर एक मिश्रण तैयार कर लें।इसका प्रयोग थोड़े गुनगुने पानी के साथ सुबह और दोपहर खाने के बाद करें।
इस बात का जरूरत ध्यान रखे कि इस नुस्खे का प्रयोग रात के समय ना करें।
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14. हल्दी और एलोवेरा से खूनी व बादी बवासीर का इलाज -
हल्दी और एलोवेरा की मदद से यदि आप बवासीर से छुटकारा पाना चाहते हो तो यह भी एक बहुत ही गजब दवा है।इन औषधियों के प्रयोग से आप पुरानी से पुरानी बवासीर को भी उपचारित कर सकते हो।
क्या चाहिए -
- एक चम्मच हल्दी पाउडर
- एलोवेरा का गूदा एक चम्मच
- आधा चम्मच गाय का घी
कैसे बनाए -
पाइल्स की यह दवा तैयार करने के लिए बताई गई तीनों चीजों को इसी मात्रा में लेकर एक पेस्ट बना लें, और कांच की शीशी में डाल कर रख लें।कैसे इस्तेमाल करें -
इसका इस्तेमाल करना बिल्कुल आसान है इसके लिए आप रात को सोने से पहले और सुबह पखाने के मस्सों पर हल्के हल्के हाथों से मलें।इसके बाद कपड़े की सहायता से कॉटन लगाकर बांध लें।
यह दवा खूनी बवासीर के इलाज के लिए बेहतर मानी जाती है।
इससे आपके गूदा द्वार में होने वाले घाव भी जल्दी भरेंगे और कुछ ही समय में यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
15. योगा और प्राणायाम -
मस्सों की समस्या से निजात पाने के लिए आप इन नुस्खों और दवाओं के साथ योग और प्राणायाम का भी सहारा लें सकते हो।योग और प्राणायाम की मदद से इनमें बेहतर रूप से जल्दी सुधार आता है।
इसके लिए आप कपालभांति, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम, सर्वांगासन, शीर्षासन, पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन, हलासन आदि नियमित रूप से कर सकते हो।
(और पढ़ें : कपालभांति, भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम)
बवासीर के लिए वीडियो (bawaseer video) -
सावधानियां और बचाव -
ऊपर बताए गए सभी नुस्खे अपने आप श्रेष्ठ हैं।इनमें से आप किसी भी नुस्खे का प्रयोग कर पाइल्स या बवासीर की समस्या का आसानी से इलाज कर सकते हो।
ये सभी नुस्खे बहुत ही खोज बीन के बाद हम आपके साथ शेयर कर रहे है।
इन सब नुस्खों का श्रेय हमारे योग गुरुओं, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और नीम हकीमों को जाता है।
क्योंकि उन्ही की बदौलत इन की पहचान की गई थी।
इनका इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को बवासीर की समस्या से छुटकारा जरूर मिला है।
आप चाहे तो एक साथ ऊपर बताए गए नुस्खों में एक से अधिक का भी इस्तेमाल कर सकते हो।
इन सब के साथ इस बात का भी जरूर ध्यान रखें कि पाइल्स की यह समस्या आपके पेट या पाचन की समस्याओं से शुरू होती हैं।
अतः आपको जरूरत है कि अपने अंदर पाचन संबंधी किसी भी समस्या को न रहने दें।
इन सभी नुस्खों में किसी भी नुस्खे का प्रयोग करते समय आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना है।
कृपया इन पर जरूर ध्यान दें, नहीं तो एक बार खत्म होने के बावजूद भी बवासीर की यह समस्या आपने दोबारा हो सकती है।
(और पढ़ें : मोटापा कम करने के बेस्ट उपाय)
- अपने खानपान पर जरूर ध्यान दें।
- ऐसी चीजों का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें जो आपमें बादी या गैस पैदा करती हैं।
- मिर्च मसाले अपने खाने में न के बराबर ही इस्तेमाल करें या बिल्कुल ना करें।
- गर्म तासीर वाली सभी चीजों को अपने आहार में कभी शामिल ना करें।
- हमेशा ताजा या हल्के गुनगुने पानी का ही प्रयोग करें।
- ठंडी या बासी चीजों के इस्तेमाल करने से बचें।
- अधिक देर तक खड़े या बैठे ना रहें।
- खड़े खड़े कभी भी खाना पानी न खाएं पिए।
- ज्यादा वजन उठाने से हमेशा बचें।
क्या खाना चाहिए -
- पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं, लेकिन ध्यान रहे ठंडा पानी बिल्कुल न पिएं।
- हरी सब्जी और फलों के ज्यूस का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें।
- सुबह खाली पेट भीगी हुई किसमिस भी bawaseer ke ilaj में बहुत ही अच्छी मानी जाती हैं।
- हफ्ते में तीन चार बार मूली के ज्यूस का सेवन करना चाहिए।
- पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए बिल्व पत्र का ज्यूस जरूर पिए।
- बवासीर के गुलकंद का सेवन भी बहुत फायदेमंद होता है।
- इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल दूध के साथ करने पर भी आपको बवासीर में फायदा होता है।
- दिन में खाने के बाद छाछ पीना भी बवासीर या मस्सों में फायदेमंद होता है।
लेकिन बवासीर से बचाव के लिए बताई गई इन बातों का आप जरूर ध्यान रखें।
हमे पूरी उम्मीद है कि आपको कभी भी यहां से निराशा नहीं मिलेगी।
साथ ही आपका हर सुझाव हमारे लिए एक प्लस प्वाइंट होगा।
अतः आप अपना सुझाव हमारे साथ जरूर शेयर करें।
यदि आप इस संदर्भ में अपना अनुभव या सुझाव रखते हो तो कृपया हमारे साथ जरूर शेयर करें।
(और पढ़ें : गोरा होने का उपाय)
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बवासीर का इलाज, पाइल्स की दवा, pilea treatment, मस्सों का देसी इलाज, बवासीर की बेस्ट दवा, घरेलू नुस्खे और उपाय,
4 Comments
milk aur neebu ka pryog garbwati kr skti h
ReplyDeleteGarbhavastha me pelvic area me dabav badhane ki vajah se agar masson ki samasya hui h to ek baar apane doctor se salah jarur len, vaise problem koi nhi hogi,
DeleteBahut khoob
ReplyDeleteसर मुझे बाबसीर है और बहुत दर्द के साथ चुभन होती है बायू गैस भी बन रही है छोटे लाल कलर के मस्से भी है प्लीज़ सबसे अच्छा नुस्का बताय
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